मोहम्मद पुर अमजद अली इंटर कॉलेज के शिक्षक डॉ. अनवर नेयाज के असमय निधन से विद्यालय में शोक की लहर

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आजमगढ़ बिंद्राबाजार। स्थानीय मोहम्मद पुर अमजद अली इंटर कॉलेज के सम्मानित और प्रिय शिक्षक डॉ. अनवर नेयाज के असमय निधन की खबर ने पूरे विद्यालय परिसर, शिक्षकों, और छात्रों को गहरे शोक में डाल दिया है। 50 वर्षीय डॉ. नेयाज इतिहास के शिक्षक के रूप में कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रहे थे। वे अपने समर्पण, शिक्षण कौशल, और छात्रों के प्रति गहन स्नेह के लिए विशेष रूप से जाने जाते थे।

अचानक हृदयगति रुकने से हुई मृत्यु

प्राप्त जानकारी के अनुसार, डॉ. अनवर नेयाज का निधन हृदयगति रुकने के कारण हुआ। यह दुखद घटना उनके जनपद आज़मगढ़ स्थित आवास पर रात्रि लगभग 10 बजे घटी। उनके आकस्मिक निधन की खबर ने पूरे विद्यालय और समुदाय को स्तब्ध कर दिया।

प्रधानाचार्य का भावपूर्ण वक्तव्य

विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहम्मद राजिक ने इस मौके पर कहा, “डॉ. नेयाज केवल एक शिक्षक नहीं थे, बल्कि छात्रों के लिए एक प्रेरणा थे। उनका समर्पण और स्नेह छात्रों के जीवन को दिशा देने में अहम भूमिका निभाता था। उनकी कमी को भर पाना असंभव है।”

अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

डॉ. नेयाज अपने पीछे पत्नी और बच्चों का परिवार छोड़ गए हैं। उनके असामयिक निधन से उनका परिवार गहरे दुख में है। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार दोपहर 2:00 बजे उनके पैतृक गांव मांड्या स्थित कब्रिस्तान में संपन्न हुई। इस अवसर पर विद्यालय परिषद के साथ-साथ उनके अनेक चाहने वाले, सहयोगी, और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

प्रधानाचार्य मोहम्मद राजिक, साहिल शेख बिशहमी, सरवत प्रधान, और आमिर जैसे सहकर्मियों के साथ-साथ सैकड़ों लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में भाग लिया और उन्हें अंतिम विदाई दी।

छात्रों और शिक्षकों में शोक

डॉ. नेयाज की मृत्यु से छात्रों और शिक्षकों के बीच गहरा शोक है। उनकी शिक्षण शैली और सहज व्यवहार ने छात्रों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया था। छात्रों ने उन्हें न केवल एक शिक्षक बल्कि एक मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में देखा।

संवेदनाएं और प्रार्थनाएं

विद्यालय परिवार और समुदाय की ओर से डॉ. अनवर नेयाज के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट की गईं। ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस कठिन समय से उबरने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की गई।

डॉ. अनवर नेयाज का निधन न केवल मोहम्मद पुर अमजद अली इंटर कॉलेज के लिए, बल्कि पूरे शिक्षा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी स्मृति और योगदान हमेशा हमारे साथ रहेंगा।

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