डोभी की बेटी आस्था सिंह ने आईएएस परीक्षा में 61वां स्थान प्राप्त कर रचा इतिहास

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चन्दवक (संवाददाता – आनन्द कुमार)

जौनपुर! डोभी क्षेत्र की बेटी आस्था सिंह ने अपने पहले ही प्रयास में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परीक्षा में 61वां स्थान प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जनपद का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि से क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। उनके पैतृक गांव कुशहा (कनौरा) में बधाई देने वालों का तांता लग गया है।

शैक्षिक यात्रा और प्रारंभिक जीवन

आस्था सिंह, बृजेश कुमार सिंह और शालिनी सिंह की पुत्री हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भोपाल से हुई और उसके बाद हरियाणा के पंचकुला में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली के प्रतिष्ठित श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स गईं, जहां उन्होंने बी.कॉम ऑनर्स में टॉप किया। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिल्ली के गवर्नर द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।

पेशेवर करियर और उपलब्धियां

आईएएस परीक्षा में अपनी सफलता से पहले आस्था हरियाणा सरकार के पंचकुला कार्यालय में पीसीएस (असिस्टेंट टैक्सेशन ऑफिसर) के पद पर कार्यरत थीं। इस दौरान उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी उन्हें सम्मानित किया।

परिवार और प्रेरणा स्रोत

आस्था का परिवार शिक्षा और समाज सेवा में अग्रणी रहा है। उनके पिता बृजेश कुमार सिंह और माता शालिनी सिंह दोनों एमएससी डिग्रीधारी हैं। उनके दादा स्वर्गीय रामाश्रे सिंह एक प्रसिद्ध समाजसेवी और भाजपा किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष थे। उनकी बड़ी बहन आंचल सिंह बीटेक कर नौकरी कर रही हैं।

गांव और क्षेत्र में उत्साह

आस्था की सफलता की खबर से उनके गांव कुशहा (कनौरा) में उत्सव जैसा माहौल बन गया। उनके परिवार और ग्रामीणों ने इसे क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण बताया। उनकी सफलता यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई है।

संदेश और प्रेरणा

आस्था सिंह ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और परिवार के सहयोग के साथ-साथ अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन को दिया है। उन्होंने क्षेत्र के युवाओं से अपील की कि वे बड़े लक्ष्य तय करें और उन्हें प्राप्त करने के लिए पूरी लगन से प्रयास करें।

आस्था सिंह की इस सफलता ने न केवल डोभी बल्कि पूरे जौनपुर जिले को गर्व महसूस कराया है। उनके इस प्रयास से यह साबित होता है कि यदि इच्छाशक्ति और दृढ़संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।

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