पंचायत भवन निर्माण में अड़चन से रुका विकास कार्य
संवाददाता निशांत सिंह
बरेठी ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने उठाई आवाज, जिम्मेदार अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप
जौनपुर (बरसठी)। बरसठी विकास खंड के अंतर्गत आने वाली बरेठी ग्राम पंचायत इन दिनों गंभीर प्रशासनिक उदासीनता और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की दोहरी मार झेल रही है। गांव में पंचायत भवन निर्माण का सपना जहां वर्षों से अधूरा है, वहीं अब गांव की चारागाह की जमीन पर भी अतिक्रमण का खतरा मंडरा रहा है।
इस पूरे मामले को उजागर करते हुए ग्राम निवासी चंद्रशेखर सिंह ने जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बरेठी ग्राम पंचायत की खतौनी में दर्ज आराजी संख्या 55/00000 व 65/0000, जो कि चारागाह के रूप में आरक्षित है, उस पर गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर लिया है।
“चक सटा” का फायदा उठाकर की गई कब्जेदारी
वादी चंद्रशेखर सिंह ने शिकायत में स्पष्ट किया है कि चक सटा होने के कारण उक्त भूमि की जुताई करते-करते कुछ लोगों ने धीरे-धीरे उस पर अपना कब्जा जमा लिया। शिकायतकर्ता के अनुसार इस विषय में कई बार हल्का लेखपाल को अवगत कराया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। परिणामस्वरूप, अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और सरकारी भूमि खतरे में है।
पंचायत भवन का निर्माण भी बना मजाक
सरकार की ओर से ग्रामीण विकास के तहत पंचायत भवन का निर्माण कराने की योजना वर्षों पूर्व बनाई गई थी। चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि वर्ष 2022 से अब तक पंचायत भवन के लिए दो बार जमीन भी चिन्हित की गई, लेकिन अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। इससे गांव में विकास की गति ठप पड़ी हुई है।
लेखपाल और ग्राम पंचायत अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप
चंद्रशेखर सिंह ने जिलाधिकारी को भेजे गए शिकायत पत्र में लेखपाल अपील कुमार और ग्राम पंचायत अधिकारी सुरेश तिवारी पर आरोप लगाया है कि ये दोनों अधिकारी जानबूझकर झूठी रिपोर्ट लगाकर न सिर्फ विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं, बल्कि सरकारी जमीन की रक्षा करने के स्थान पर अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण दे रहे हैं। शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि इन अधिकारियों की गलत रिपोर्टिंग के कारण प्रशासन गुमराह हो रहा है और गांव का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच और त्वरित कार्रवाई
गांव के अन्य लोगों ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रशासन से अपील की है कि चारागाह की जमीन को कब्जा मुक्त करवा कर ग्राम पंचायत के नाम सुरक्षित किया जाए तथा पंचायत भवन का निर्माण शीघ्र शुरू कराया जाए। ग्रामीणों की मांग है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।