बेहतर शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूली जाती है : विनय जयसवाल
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश सचिव विनय जयसवाल ने जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को को पत्र भेजा। विनय जायसवाल ने बताया कि अप्रैल का महीना शुरू होने वाला है। स्कूल ने फिर फीस बढ़ा दी है। निजी स्कूलों की मनमानी बेलगाम हो रही है। हर साल स्कूल फीस में 5 से 8 फीसदी बढ़ोत्तरी कर रहे हैं। अप्रैल में नया सत्र शुरू होने वाला है। स्कूलों ने नया फीस स्लैब जारी कर दिया है। फीस में बढ़ोतरी देख अभिभावकों का विरोध भी शुरू हो गया है। प्रदेश सचिव ने कहा कि देश के बड़े स्कूलों की फीस में सालाना 5 से 10 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अभिभावक अब फीस भरने की जुगाड़ में जुट गए हैं। वहीं दूसरी ओर सीमित आय और पढ़ाई का खर्चा बढ़ने से उनके घर का बजट बिगड़ रहा है।पूरे भारत में लाखों की संख्या में प्राइवेट स्कूल संचालित हैं। वहीं शिक्षा विभाग के अनुसार कुछ स्कूल रजिस्टर्ड हैं। बाकी स्कूल बगैर रजिस्ट्रेशन ही चलाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों की मनमानी करने के बाद भी मूकदर्शक है। इसका फायदा प्राइवेट स्कूल वाले खूब ले रहे हैं। कई निजी विद्यालयों द्वारा री-एडमिशन के नाम पर भारी भरकम शुल्क लिया जा रहा है, जो कि सही नहीं हैं। विनय जायसवाल ने साथ में यह भी बताया कि बेहतर शिक्षा के नाम पर मनमानी फीस वसूली जाती है जिस पर प्रशासन का अंकुश नहीं है l निजी विद्यालयों में हो रहे शोषण पर सभी मौन है। जिला प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए टीम गठित की जाए प्रशासन को मनमानी रोकने के लिए पहल करनी चाहिए। अभिभावकों पर बच्चों की किताब अपने मन से किसी भी दुकान से खरीदने की छूट देनी चाहिए। स्कूल द्वारा चयनित की गई दुकान से किताबे व् अन्य सामग्री खरीदवानी बंद करवा देनी चाहिए। इस अवसर पर राज जायसवाल, अंकित मौर्य, अलख निरंजन गौतम, रोहित शर्मा, रितेश मोदनवाल, चंद्रेश जायसवाल, अनिल वर्मा, विष्णु सेठ,विशाल सोनी, संतोष शर्मा, मुकेश यादव, ओम प्रकाश जायसवाल, विनय श्रीवास्तव, अरविंद कुमार, विपिन चौरसिया, प्रेमलाल शर्मा, नीरज गौतम, सनी कुमार, आदर्श कुमार, सुमित सिद्धार्थ, अभिषेक कुमार, शिवम गौतम, प्रदीप कुमार, इत्यादि लोग अधिक संख्या में मौजूद रहे।