जौनपुर। हजरत अली की शहादत की याद में 20 रमजान, शुक्रवार को मीरमस्त स्थित मस्जिद शाह अता हुसैन से कदीम जुलूस बरामद हुआ। अंजुमन जुल्फेकारिया के नेतृत्व में निकले इस जुलूस में बड़ी संख्या में शिया समुदाय के लोगों ने शिरकत कर मौला अली को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूरे रास्ते में अली—अली, हाय अली, हाय अली की सदाएं गूंजती रहीं।
जुलूस से पहले मस्जिद में मजलिस का आयोजन हुआ, जहां शिया जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना महफुजूल हसन खां ने हजरत अली की जिंदगी और उनकी शहादत पर रोशनी डाली। इसके बाद जुलूस मस्जिद से निकलकर बड़ी मस्जिद होते हुए नवाब यूसुफ रोड पहुंचा, जहां डॉ. क़मर अब्बास ने तकरीर की और हजरत अली की शहादत पर बयान दिया।
इसके बाद जुलूस कोतवाली चौराहा पहुंचा, जहां ज़ाकिर-ए-अहलेबैत बेलाल हसनैन ने तकरीर की। आगे चहारसू चौराहा और ढालगरटोला इमामबाड़ा मद्दु मरहूम में मजलिस हुई, जिसे मौलाना कैसर अब्बास आज़मी ने संबोधित किया। यहां से अंजुमन हुसैनिया के नेतृत्व में कदीम तुरबत और अलम का जुलूस निकाला गया। इस दौरान नवाज़ हसन और अदीब ने दर्द भरे नौहे पढ़े, जिससे माहौल गमगीन हो गया।
यह जुलूस कदीम रास्ते से होते हुए चहारसू चौराहे पर पहुंचा, जहां दूसरे जुलूस में शामिल हो गया। यहां शिया इंटर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल मोहम्मद हसन नसीम ने तकरीर की। इसके बाद जुलूस शाही पुल, बेनी साहू की गली, ओलंदगंज, जोगियापुर और कचहरी होते हुए हुसैनाबाद स्थित शाह पंजा पहुंचकर संपन्न हुआ।