दूल्हे की आंख में लगी लेंस ने खोला बड़ा राज: शादी के मंडप में अंधेपन का पर्दाफाश

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लड़की पक्ष ने शादी से इंकार, बारात लौटी वापस

जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के एक गांव में शादी समारोह के दौरान ऐसा हंगामा हुआ कि बारात बिना शादी के ही वापस लौट गई। यह वाकया 8 जून 2025 को हुआ, जब मछलीशहर के निजामुद्दीनपुर गांव से पिंटू गौतम अपने बेटे की बारात लेकर पहुंचे। शादी का माहौल पूरे उत्साह के साथ चल रहा था, लेकिन मंडप में दूल्हे के अंधेपन का रहस्य उजागर होने के बाद यह खुशी गुस्से और हंगामे में बदल गई।

शादी की तैयारियां: सब कुछ चल रहा था सही

बारात का स्वागत धूमधाम से हुआ। मेहमानों को शानदार नाश्ता-पानी कराया गया और बाराती डीजे पर नाचते-गाते जयमाल तक पहुंचे। जयमाल का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, लेकिन जैसे ही रात्रि 1 बजे विवाह मंडप में शादी की रस्में शुरू हुईं, एक अनजानी सच्चाई ने सबको चौंका दिया।

दूल्हे की आंख में लगी लेंस ने खोला राज

मंडप में शादी की रस्में चल रही थीं, तभी लाइट के तेज चमकदार प्रकाश में दूल्हे की एक आंख में लगे लेंस की चमक पर लड़की पक्ष के लोगों की नजर पड़ी। यह मामला तभी चर्चा में आया, जब महिलाओं ने इस पर ध्यान दिया। महिलाओं ने तुरंत दूल्हे से उसकी आंखों की जांच करनी शुरू कर दी। उनकी आशंका सही निकली—दूल्हा एक आंख से पूरी तरह अंधा था।

लड़के पक्ष पर लगा धोखे का आरोप

जैसे ही यह बात सामने आई, माहौल गरमा गया। लड़की पक्ष ने लड़के के परिवार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि लड़के के अंधेपन की बात उन्हें कभी नहीं बताई गई थी। लड़की के भाई का कहना था, “हमें कभी यह नहीं बताया गया कि दूल्हा एक आंख से अंधा है। लड़के के पिता ने जानबूझकर यह बात छिपाई।”

दूसरी ओर, दूल्हे के पिता ने बचाव में कहा कि लड़की वालों ने लड़के को कई बार देखा था और अब उनकी गलती मानने को तैयार नहीं हैं।

पंचायत में हुआ फैसला

शादी रुकने के बाद पंचायत बैठी। गांव के सम्मानित लोगों को बुलाकर दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोशिश की गई। लड़की पक्ष ने लड़के वालों से शादी के खर्च की भरपाई की मांग की। दूल्हे के पिता ने इसे मानने से इंकार कर दिया और कहा कि उनकी कोई गलती नहीं है।

शादी रद्द: बारात लौटी वापस

काफी बहस और हंगामे के बाद पंचायत का फैसला लड़के पक्ष के खिलाफ गया। लड़की के परिवार ने शादी से साफ मना कर दिया और दूल्हे के परिवार को बिना शादी के ही बारात वापस ले जानी पड़ी।

ग्रामीणों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद गांव में इस बात की खूब चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि यह लड़की की किस्मत थी कि समय रहते सच सामने आ गया। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि दूल्हे के परिवार को इस सच्चाई को छुपाने के बजाय ईमानदारी दिखानी चाहिए थी।

यह घटना न केवल एक शादी के टूटने की कहानी है, बल्कि इस बात का उदाहरण भी है कि रिश्तों में पारदर्शिता और सच्चाई कितनी जरूरी है।

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