“स्नेह द्विवेदी की शोध मौखिकी परीक्षा संपन्न”

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जौनपुर। मंगलवार, 11 जनवरी को हिन्दी विषय के शोध छात्र स्नेह द्विवेदी सुपुत्र- प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप का शोध शीर्षक “दुष्यंत कुमार का काव्य: अन्तर्वस्तु और रूप ” विषय पर पी-एच०डी० मौखिकी परीक्षा
वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सभागार में संपन्न हुई। पू.वि.वि. के कुलपति द्वारा नामित वाह्य विशेषज्ञ प्रोफेसर नीरज खरे ‘हिंदी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी एवं शोध निर्देशिका प्रोफेसर सुषमा सिंह ‘विभागाध्यक्ष हिन्दी , तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय,जौनपुर’
द्वय विद्वान् परीक्षक रहें। शोधार्थी स्नेह द्विवेदी ने बताया कि शोध प्रबंध को मुख्य रूप से छः अध्यायों में विभक्त किया है प्रथम अध्याय ‘दुष्यंत कुमार की जीवन यात्रा और व्यक्तित्व’ में उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, शिक्षा ,साहित्य, समाज ,व्यवसाय आदि का विस्तार से वर्णन किया है। द्वितीय अध्याय ‘दुष्यंत कुमार का काव्य संसार संक्षिप्त परिचय’ में गीतों का परिचय देते हुए उनकी मूल संवेदना को प्रस्तुत किया है, इसी क्रम में प्रथम काव्य संग्रह सूर्य का स्वागत, आवाजों के घेरे और जलते हुए वन का वसंत की मूल संवेदना को संक्षेप में प्रस्तुत किया है।
तृतीय अध्याय ‘हिंदी ग़ज़ल की संरचना और दुष्यंत पूर्व हिंदी ग़ज़ल का परिचय’ हैं। इस अध्याय में ग़ज़ल का सामान्य परिचय देते हुए ग़ज़ल शब्द की उत्पत्ति,उसका अर्थ, परिभाषाएं, ग़ज़ल के प्रमुख तत्त्व,शेर ,मक्ता, काफिया, रदीफ़ का परिचय देते हुए महत्वपूर्ण हिंदी ग़ज़लकारों की ग़ज़लों का सोदाहरण परिचय और उनकी मूल विशेषताओं को रेखांकित किया है। चौथा अध्याय ‘दुष्यंत कुमार की ग़ज़लें और उनकी प्रमुख प्रवृत्तियां ‘ हैं। पंचम अध्याय ‘दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों का रूप विधान’ इस अध्याय में दुष्यंत कुमार की ग़ज़लों के शिल्प पक्ष का बारीकी से अध्ययन किया है। अंतिम और छठा अध्याय ‘मुक्त छंद की कविता और दुष्यंत कुमार’ है। अंत में शोध छात्र स्नेह द्विवेदी को पी-एच.डी. मौखिकी संपन्न होने पर प्रोफेसर आर एन त्रिपाठी, प्रोफेसर वशिष्ठ अनूप, प्रोफेसर मनोज मिश्र, प्रोफेसर रवि मिश्र, डॉ. श्याम चंद्र श्रीवास्तव, विषय के पटल सहायक रघुनंदन प्रसाद यादव, अश्वनी तिवारी , नरेंद्र पाठक, अनुराग एवं उपस्थित प्राध्यापक-कर्मचारीगण ने बधाई दी।

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