राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद के नेतृत्व में संगठन ने सौंपा ज्ञापन
जौनपुर। मुख्यालय पर पहुंचकर राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद रजिस्टर्ड के पदाधिकारीयो ने एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक के नाम एएसपी /क्षेत्राधिकारी को दिया गया। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र मिश्रा के आह्वान पर एक प्रतिनिधि मंडल ने 13 फरवरी 2025 को एएसपी आईपीएस आयुष श्रीवास्तव को एक ज्ञापन तामीर हसन शिबू के नेतृत्व में एवं शशीकांत मौर्य जिला प्रभारी के संरक्षण में दिया गया, जिसमें बताया गया कि पिछले 24 सितंबर 2024 को शहर के होटल में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्रीज के लोगों के द्वारा एक प्रेस वार्ता बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति के ऊपर फर्जी तरीके से पैसे हड़पने व उनकी फिल्मों को खरीदने का आरोप लगाया था। संगठन के महासचिव को फर्जी मुकदमा संख्या 37/25 में षडयंत्र के तहत फंसाया गया जो थाना लाइन बाजार में 156/3 के आदेश पर दर्ज हुआ है। शशि मौर्य जिला प्रभारी ने बताया कि रियाजुल हक़ नगर स्थित पॉलिटेक्निक चौराहे निकट के रहने वाले है जो पिछले डेढ़ दशक से पत्रकारिता क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं व राष्ट्रीय पत्रक सुरक्षा परिषद रजिस्टर्ड के जिला महासचिव भी है, एवं वर्तमान में एक हिंदी दैनिक, व एक साप्ताहिक अखबार में जिला संवाददाता है, यह 24/09/2024 को जौनपुर शहर के एक निजी होटल मे प्रेस वार्ता में बुलावे पर गए, जिसमे सभी प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार बन्धु को बुलाया गया था। जिसमें प्रेस वार्ता के माध्यम से भोजपुरी फ़िल्म निर्माताओं ने आर्या डिजिटल ग्रुप के मालिक दुर्गेश सिंह पुत्र राज बहादुर सिंह ग्राम करौरा थाना सुजानगंज के निवासी पर धोखाधड़ी, फर्जी वाड़ा का आरोप लगाया था। उसी समय पुलिस अधीक्षक से मिलकर आर्या डिजिटल ग्रुप के मालिक दुर्गेश के खिलाफ दिनांक 25/09/2024 को थाना लाइन बाजार में एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था जिसकी FIR N. 0489/2024 है। इसके पूर्व में भी आर्या डिजिटल ग्रुप के मालिक दुर्गेश सिंह के ऊपर कई मुकदमे दर्ज है। इसके बाद उक्त दुर्गेश के द्वारा दिनांक 21 जनवरी 2025 को प्रेस वार्ता के 3 महीने बीतने के बाद दर्ज मुकदमे में पत्रकारों को भी खबर चलाने पर आरोपी बनाया गया है जबकि दोनों पक्ष की खबर पत्रकार रियाजुल ने अपने अखबार व सोशल साइड्स पर दर्शाई थी। वही प्रभारी निरीक्षक थाना लाइन बाजार ने बताया कि मुकदमा न्यायालय के आदेश और 156/3 के तहत दर्ज हुआ है साक्ष्य और गुण दोष के आधार पर विवेचना के बाद उपरोक्त मुकदमे का निस्तारण कर दिया जाएगा, मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है। ऐसे में सवाल उठता है कि पत्रकार अगर प्रेस वार्ता की खबरों को हुबहू नहीं दिखाएंगे तो फिर लोग प्रेस के माध्यम से अपनी बात कैसे कह पाएंगे। यदि इसी तरीके से पत्रकारों को फर्जी मुकदमे में आरोपी बनाया जाता रहा तो फिर लोग किसी भी प्रेस वार्ता में जाने से कतराते नजर आएंगे और भारत जैसे संवैधानिक देश में पत्रकारिता का हनन होता रहेगा। इस मौके पर मुख्य रूप से इम्तियाज अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद असलम, जितेंद्र सिंह, इजहार हुसैन, शशीकांत मौर्य, अनवर हुसैन, कलीम सिद्दीकी, मोहम्मद अल्ताफ, आबिस इमाम, अमित तिवारी आदि पत्रकार और संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।