डीपीआरओ नें ग्राम प्रधान को लगाई कड़ी फटकार
पूर्वांचल लाइफ/अनवर हुसैन
जौनपुर। केराकत विकासखंड के ग्रामसभा थानागद्दी में गुरुवार 28 नवंबर को डीपीआरओ नें ग्रामसभा का औचक दौरा किया और विकास कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान एडीओ पंचायत केराकत, सेक्रेटरी सहित कई ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्रामीण और ग्रामप्रधान मौजूद रहें। डीपीआरओ नें ग्रामसभा थानागद्दी के मौजा देवनाथपुर में बने पंचायत भवन में बैठकर ग्रामसभा के विकास कार्यों का जायजा लिया और कई कमियां उजागर होते ही ग्राम प्रधान रमाकांत मौर्य को कड़ी फटकार लगाई। बैठक की शुरुआत में जब ग्राम प्रधान द्वारा पंचायत सचिव के विरोध में विकास कार्य ना करने का आरोप लगाया जाने लगा तो ग्रामीणों नें इसका विरोध किया और डीपीआरओ को बताया कि ग्रामप्रधान विकास कार्यों में स्वयं बाधक हैं जिसका प्रमाण मौजा देवनाथपुर के ही प्रदीप मिश्र के दरवाजे का सामने स्थित 100 मीटर का बीसीयों वर्ष पुराना टूटा और जर्जर पटंजा हैं जो अब तक अच्छे खड़ंजा और मार्ग में नहीं बदल पाया जबकि कई बार इसके रिपेयर हेतु शिकायत की गई। कागजो पर हर वर्ष रिपेयर होने वाला यह जर्जर मार्ग खुद अधूरे विकास की कहानी कह रहा जिसे सुनने के बाद अधिकारी भड़क गए और ग्रामप्रधान को कड़ा फटकार लगाते हुए उक्त मामले में आख्या प्रस्तुत करने को कहा। ग्रामीणों नें पूछे जाने पर बताया कि ग्राम प्रधान विकास के कई मामलों में लीपापोती कर चुका हैं। इससे पूर्व ग्रामसभा के ही बनवासी समाज से पीएम आवास के नाम पर घूस लेने पर ग्राम प्रधान रमाकांत मौर्य, एसडीएम केराकत द्वारा कड़ी फटकार खा चुका हैं। जखीयां मौजा के बनवासी समाज से हजारों रूपये ऐठने के बाद जब लाभार्थियों को पीएम आवास नहीं मिला था तो लोगो नें समाजसेवी संजय मिश्र बाबा के नेतृत्व में एसडीएम ऑफिस के सामने धरना दिया था जिसके बाद ग्राम प्रधान नें घूस के पैसे लौटाए थे। आपको बता दें कि विकास कार्यों में असफल ग्राम प्रधान रमाकांत मौर्य लगातार पंचायत सचिव के विरोध में अपने समर्थकों के साथ अधिकारीयों से शिकायत करता हैं जबकि पंचायत सचिव नें पंचायत भवन रिपेयर सहित अनेक विकास कार्य अपनी देखरेख में खुद कराया। उनका कहना हैं कि ग्रामीण विकास कार्य की गुहार लगाते रहते हैं किन्तु उनकी सुनवाई नहीं होती और ग्राम प्रधान केवल आनाकानी करते हैं।