टेराकोटा, हाथ से बुने हुए वस्त्र, केला, मूंज के उत्पादों को मिलेगा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार
भारतीय हस्तशिल्प उत्पादों को खूब पसंद करते हैं विदेशी
इको फ्रेंडली और सेल्फ सस्टेनेबल उत्पादों की बढ़ रही है मांग:डा.अमर नाथ जायसवाल
गोरखपुर। यूएस के न्यूयॉर्क में स्थित एंटरप्राइज़ कम्पनी “ओमसूत्रा” की सीइओ एवं संस्थापक ज्योति जायसवाल भारतीय हस्तशिल्प के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए कई वर्षों से कार्य कर रहीं हैं। वह भारतीय हस्तशिल्पियों को अन्तर्राष्ट्रीय फलक उपलब्ध करा रही हैं। वह भारत के विभिन्न क्षेत्रों के हस्तशिल्पियों से सीधे जुड़ी हुई है और उनके उत्पादों को अमेरिकी बाजार में एक बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही हैं। ज्योति, सोच-समझकर वैश्विक बाजार के आधार पर अपने संग्रह को डिजाइन करती है जो फैशन, वेलनेस और घर की सजावट के क्षेत्र में अद्वितीय, उच्च गुणवत्ता और पर्यावरण के अनुकूल हस्तनिर्मित उत्पाद हैं जो संयुक्त राष्ट्र के स्थायी लक्ष्यों का समर्थन करते हुए सामाजिक आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव को बढ़ाने में मदद करते हैं। विगत माह उन्हें जाग्रति संस्थान द्वारा देवरिया में आयोजित उद्यमी पिच के एक कार्यक्रम में शामिल होने को मिला, जहां पर वह बहुत सारे उद्यमियों और हस्तशिल्पियों से मिली और उनके नवसृजित उत्पादों को देखा! वहाँ उन्हें गोरखपुर का टेराकोटा, कुशीनगर का बनाना फाइबर, देवरिया के तमकुही का मूंज के उत्पाद आदि बनाने वाले शिल्पियों से मिलने का मौका मिला। वह मानती हैं कि हस्तशिल्प, भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करता है। यह समाज से जुड़ा हुआ है और हमारी परंपराओं को आगे बढ़ाने में योगदान देता है। भारत की सदियों पुरानी शिल्प परंपराओं की मनमोहक सुंदरता को संरक्षित करने की खास रुचि है। वह महिला समूहों और कारीगर समुदायों को सशक्त बनाकर उनकी विरासत को संजोकर रखते हुए सकारात्मक सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव को बढ़ावा दे रहीं हैं। भारतीय हस्त शिल्प कलाओं के संरक्षण एवं सम्वर्धन में उनकी खास रुचि थी, वह भारतीय कारीगारों के द्वारा बनाए गए उत्पादों को अमेरिका के बड़े मार्केट में स्थापित कर भारतीय शिल्प को एक अंतरराष्ट्रीय फलक प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2007 में उन्होंने ओमसूत्रा नामक एंटरप्राइज़ कम्पनी शुरूआत की। वह कहती हैं ओमसूत्रा का मंत्र है ‘जीवन को खूबसूरती से जियो’ वह कहती हैं कि हमारा मिशन कौशल प्रशिक्षण और एक स्थायी व्यवसाय मॉडल के माध्यम से महिलाओं और कारीगर समुदायों को सशक्त बनाते हुए भारत की विरासत शिल्प को संरक्षित करना है। वह कहती हैं कि उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को हम प्राथमिकता देते हैं और निष्पक्ष व्यापार सिद्धांतों का पालन करते हैं जो मुनाफे से अधिक हम लोगों और ग्रह के कल्याण को प्राथमिकता देते हैं। वह कहती हैं कि शिल्प के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ना ही हमारा प्रमुख लक्ष्य है। मूल रूप से हम शिल्प के माध्यम से संस्कृतियों को जोड़ते हैं। हमारी डिज़ाइन प्रक्रिया प्रतिभाशाली भारतीय कारीगरों और हमारी टीम के बीच एक सहयोग है, जो अद्वितीय टुकड़े बनाती है जो पारंपरिक शिल्प तकनीकों की सुंदरता को प्रदर्शित करती है। इन शिल्पों को संरक्षित करके, हम न केवल भारतीय विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाए रख रहे हैं बल्कि सुंदरता और शिल्प कौशल की साझा सराहना के माध्यम से संस्कृतियों को भी जोड़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य इन शिल्पों को आधुनिक युग में लाना, कालातीत तकनीकों में नई जान फूंकना और सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाते हुए कारीगरों के लिए स्थायी आजीविका प्रदान करना है और महिलाओं को सशक्त बनाना और कारीगरों को समृद्ध बनाना है। वह कहती हैं कि जब आप हमसे खरीदारी करते हैं, तो आप जीवन बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी आय का कुछ हिस्सा हाशिए पर पड़े समुदायों को वापस जाता है, जिससे उन्हें अपनी आजीविका और कलात्मक जुनून का समर्थन करने के लिए एक मंच मिलता है। ऐसा करके, हमारा लक्ष्य शोषण को खत्म करना और कामकाजी वर्ग के समुदायों को गरीबी से बाहर निकालना है।
वह बताती हैं कि वर्ष 2018 में निर्वाणा औरा फाउंडेशन इंक अस्तित्व में आई जोकि यूएस की एक अलाभकारी संस्था है जिसका मुख्य उद्देश्य – हस्तशिल्पियों को एक साथ जोड़ना और उन्हें मंच प्रदान करना, समाज में स्वास्थ्य कल्याण, योगा और ध्यान आधारित कार्यक्रम का आयोजन करना, उद्यमियों और कारीगरों की मेंटरिग करना, उनको स्किल ट्रेंनिंग देना, उनके क्राफ्ट को आगे बढ़ाना और समाज में उनकी सामाजिक आर्थिक स्थितियों बेहतर बनाना है।
वर्तमान में श्रीमती ज्योति, भारतीय उत्पादों की वैश्विक पहुंच, मुख्य रूप से पूर्वाचल क्षेत्र की, क्योंकि वह गोरखपुर से ताल्लुक रखती हैं को बढाने और कारीगरों को मार्केटिंग तकनीक से दक्षता बढ़ाना और उन्हें वित्तीय मदद उपलब्ध कराने, खासतौर पर बनाना फाइबर में शोध एवं विकास के लिए, मूंज क्राफ्ट और टेराकोटा डिजाइन और मार्केटिंग, ट्रेंनिंग स्किल के लिए शिल्पियों को वित्तीय अनुदान उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही हैं। क्योंकी लोग उत्पाद तो बना रहे हैं परंतु यह महत्वपूर्ण है कि उत्पाद को कारीगरों के लिए एक स्थायी व्यापार बनाने के लिए यह जरुरी है कि उत्पाद को बाजार के अनुकूल बनाया जाए, और एक अभिनव डिजाइन और इसे और अधिक विपणन योग्य बनाना अनिवार्य है। इन सब में शिल्पियों में अनुभव की कमी है, इसके लिए वह अपने गैर-लाभकारी संगठन के माध्यम से सलाह, कौशल प्रशिक्षण और वित्त पोषण प्रदान कर उन्हें निखरने का काम कर रहीं हैं!