पराली जलाना दण्डनीय अपराध, लग सकता है जुर्माना

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जौनपुर। कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम, आत्मा योजनान्तर्गत कृषि विभाग द्वारा मंगलवार को विकास खण्ड केराकत एवं डोभी के खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय परिसर में ब्लाक स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी/कृषि निवेश मेला का आयोजन किया गया इसमें किसानों को रबी फसलों की आधुनिक तकनीकियो से खेती करने तथा खेतों में पराली न जलाने का सुझाव दिया गया।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने कहा कि किसान खेतों में पराली कदापि न जलाए, बल्कि बायो डी कम्पोजर से खाद बनाने एवं उन्नति शील कृषि यंत्रों से पराली प्रबंधन का सुझाव दिया तथा बताया कि सैटेलाइट से पकड़ें जाने पर दो एकड़ तक पराली जलाने वाले कृषको पर रुपये 2500, पाच एकड़ तक पाच हजार रुपये तथा पाच एकड़ क्षेत्रफल से अधिक पराली जलाने पर रुपये 15 हजार जुर्माना के साथ सारी सरकारी योजनाओं से बंचित कर दिए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि खेतों में पराली जलाने पर मनुष्य एवं जीव जन्तुओ के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, पराली को यथा स्थान मिट्टी में सड़ाने से मृदा का तापमान नियंत्रित रहता है, पीएच मान एवं मृदा की संरचना में सुधार होता है। मृदा की जल धारण क्षमता एवं वायु संचार बढ़ता है जिससे उत्पादन लागत में कमी एवं उत्पादकता में वृद्धि होती है।

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अमहित डा. आरके सिंह ने रबी फसलों की वेहतर उत्पादन तकनीक यथा खेत की तैयारी, बीज शोधन, सन्तुलित उर्वरक प्रबंधन, लाइन सोईंग, खरपतवार सुरक्षा तथा कृषि इंजीनियर वरुण कुमार ने लाईन सोइग की जानकारी दिया। एसएमएस डा. शिवानंद ने कम लागत में अधिक उत्पादन वाली प्राकृतिक खेती की जानकारी दिया।

अध्यक्षता खण्ड विकास अधिकारी पवन कुमार तथा संचालन प्राविधिक सहायक शिव दयाल रघुवंशी द्वारा किया गया। इस मौके पर उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी डा. स्वाति पाहुजा, एडीओ एजी. चन्द्र मोहन सिंह, दयानन्द सिंह, एडीओ पीपी अशोक सिंह, बीटीएम महीप श्रीवास्तव, शिव कुमार, बाल कुमार, दल सृगार, वर्षाती पाल आदि किसान मौजूद रहे।

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