गोपालन की पारंपरिक रखरखाव पर आधारित विश्व प्रसिद्ध तकनीक दिखाए जाएंगे
12 अगस्त 2024 ; अहमदाबाद/मुंबई/गोरखपुर और चेन्नई से डॉ आर बी चौधरी की रिपोर्ट
गौसंरक्षण-संवर्धन के लिए समर्पित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संस्था समस्त महाजन संस्था के घोषणा के अनुसार दया, करुणा, पशु कल्याण पर आधारित पशुपालन एवं पर्यावरण संरक्षण के राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर एक तीन दिवसीय सेमिनार/ प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। समस्त महाजन संस्था के एक अधिकारी के आकलन के अनुसार इस सेमिनार में 400 से 500 प्रतिभागी शामिल होंगे। संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉक्टर गिरीश जयंतीलाल शाह ने बताया कि यह सेमिनार पूर्णतया व्यवहारिक कार्यों के प्रदर्शन पर आधारित विचार विमर्श एवं प्रशिक्षण के ऐसे संवाद पर आधारित है, जहां प्रतिभागियों को आंखों देखा हाल का अनुभव और ज्ञान प्राप्त होगा ताकि, इस दिशा में काम कर रहे व्यक्ति को स्वावलंबी संस्था संचालित करने के लिए सहायता मिल सके।
संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉक्टर शाह ने बताया कि यह कार्यक्रम राजस्थान और गुजरात के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण करते हुए विषय-वस्तु की गहराई में जानकारी दी जाएगी और तदनुसार, संबंधित विषय पर प्रतिभागियों को फील्ड में किया जा रहे कार्यों का अवलोकन कराया जाएगा ताकि लोग लोग स्वावलंबन की इस विधा को भली प्रकार समझ सके और घर लौटकर अपनी संस्था में इन तकनीकों को अपनायें । उन्होंने आगे बताया कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ 23 अगस्त 2024 – शुक्रवार – धर्मज (तारापुर-बरोडा)से सुबह 9 से 12 आरंभ होगा जहां विस्तृत व्याख्यान के साथ 146 एकड़ जमीन पर घास उगाकर कैसे गांव का पशुधन प्रबंधन को स्वावलंबी बनाया जा सकता है।उन्होंने बताया कि इस गांव में 6,000 पशुओं को ग्राम पंचायत द्वारा उत्पादन कीमत पर घास उपलब्ध कराई जाती है जो एक अनोखा कार्य है। ग्राम सभा की की गई बागवानी जिसमें आंवला, आम और इमली के लगाए गए 17,000 वृक्षों के माध्यम से हर साल 50 लाख रुपये से अधिक की आमदनी मिलती हैं।
धर्मज गांव का भ्रमण करने और परिचर्चा के बाद शाम 5 बजे से 9 बजे तक अहमदाबाद स्थित देश की प्रख्यात पारंपरिक एवं प्राकृतिक तौर तरीके से से देसी गौ संरक्षण केंद्र – बंसी गीर गौशाला का भ्रमण किया जाएगा , जहां तकरीबन 700 गीर गायों के रखर-खाव की आधुनिक व्यवस्था से लेकर गाय एवं गौशाला उत्पादों के पारंपरिक विधि को अपनाते हुए वैज्ञानिक कसौटी पर खरे पाए जाने वाले तकनीक को दिखाया और समझाया जाएगा। इसी क्रम की अगली कड़ी में 24 अगस्त 2024 दिन शनिवार, सुबह 9 बजे से 12 बजे तक गुजरात के प्रख्यात स्थान वीरमगाम (अहमदाबाद के पास) का भ्रमण और व्याख्यान आयोजित किया जाएगा , जहां पर देश की विकसित एवं संरक्षित 1,200 एकड़ का वृहद गौचर प्रबंधन देखने को मिलेगा। साथ ही साथ जल प्रबंधन के लिए प्रयुक्त विशालकाय 4 तालाबों के साथ 5,000 पेड़, 2,700 गोवंशीय पशुओं का अद्भुत संरक्षण भी देखने को मिलेगा। 24 अगस्त, 2024 की शाम 3 बजे से 7 बजे तक जानी -मानी भाभर(बनासकांठा जनपद) गुजरात की जलाराम गौशाला का भ्रमण कराया जाएगा, जहां 11,000 से अधिक गोधन की पशु कल्याण के मापदंडों के अनुसार व्यवस्था का एक मॉडल देखने को मिलेगा।
इस सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव के रूप में 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को सुबह 9 से 12 बजे पावापुरी (आबू रोड के पास, राजस्थान) के ऐसे गौशाला प्रकल्प का भ्रमण कराया जाएगा , जहां गऊ-पर्यटन की अनुभूति के साथ गौसेवा के आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा। पावापुरी की व्यवस्थित ढंग से पूरे लाड-प्यार से पाली गई6,000 से अधिक गायों की गौशाला देखने और गौशाला के पृष्ठ-भूमि तथा विकास की जानकारी मिलेगी। यह बता दे कि यहां भी गौशाला के अधीन तकरीबन 1 लाख विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण वृक्षों की सुंदर श्रृंखला देखने को मिलेगी। अंतिम पड़ाव के दिन शाम 4 बजे पिंडवाड़ा (आबू रोड के पास) संचालित वैज्ञानिक तरीके से बनाई गई गौशाला का भ्रमण करवा कर कार्यक्रम का समापन किया जाएगा।
कार्यक्रम के तीसरे एवं अंतिम दिन हर्षो-उल्लास से युक्त विदाई कार्यक्रम संपन्न होगा जिसमें गौशाला संचालकों/जीव जंतु कल्याण में नियम अनुसार संचालित संस्थाओं को अनुदान सहायता के साथ विदा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पशु प्रेमियों/ गौशाला प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया जाता है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संपर्क सूत्र : 9820020976/9825129111/9824221999