अलम नौचन्दी व जुलूसे ए अमारी का 84वाँ दौर 8 अगस्त को आयोजित होगा-सैयद शहेन्शाह हुसैन रिजवी “एडवोकेट”

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इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक जुलूस को प्रदेश के क्षितिज पर एक वरिष्ठ एवं महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है-अलमदार हुसैन रिजवी

मिली जुली भारतीय संस्कृति ईश्वरीय चमत्कार एवं आस्था का प्रतीक है

उत्तर प्रदेश। शीराजे हिन्द जौनपुर का ऐतिहासिक अलम नौचन्दी व जुलूस ए अमारी प्रारम्भ से ही मिली जुली भारतीय सांस्कृति का प्रतीक एवं अपने साथ इतिहास के दिलचस्प और रहस्यमय पृष्ठों को समेटे हुए शीराजे हिन्द जौनपुर का प्रसिद्ध ऐतिहासिक अलम नौचन्दी व जुलूसे ए अमारी का 84 वाँ दौर अलमदार हुसैन रिजवी की अध्यक्षता में इस वर्ष 8 अगस्त 2024 का इमामबाड़ा स्व० मीर बहादुर अली दालान पुरानी बाजार जौनपुर से आयोजित होने जा रहा है। इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक जुलूस को प्रदेश के क्षितिज पर एक वरिष्ठ एवं महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसे मनाने के लिए देश व प्रदेश के चारा ओर से सभी धर्म एवं सम्प्रदाय के श्रद्धालू हजारो की संख्या में यहां उपस्थित होकर हजरत इमाम हुसैन और हजरत अब्बास को श्रद्धासुमन अर्पित करते है। आजादी के चार वर्ष पूर्व 1943 में जब पूरा शहर प्लेग नाम महामारी के चपेट मे था, तथा बड़ी संख्या में लोगो की मृत्यु हो रही थी इस दैवीय आपदा से जब तमाम उपायों के बाद छुटकारा नही हो रहा था इस जुलूस के संस्थापक स्वर्गीय सैयद जुल्फेकार हुसैन रिजवी ने अपने दो साथियों के साथ अलम उठाने का संकल्प लिया और अलम उठाया गया तथा अलम को महामारी के प्रकोप वाले रास्तो से घुमाया गया ईश्वरीय चमत्कार ये हुआ कि प्लेग की बीमारी से लोगो को निजात मिली लोगो ने राहत की सांस ली उसी समय से हर माह नौचन्दी बृहस्पतिवार को श्री जुल्फेकार हुसैन रिजवी ने अपने साथियों अमीर हसन खां व अली बाकर आब्दी को साथ लेकर अलम उठाना प्रारम्भ कर दिया तथा सफर माह की नौचन्दी बृहस्पतिवार को सालाना कर बृहद रूप दे दिया और जुलूस के रूप में शबीहे अलम निकाला गया और बाजार भुआ, छत्तात्तर मीरापर पांचो शिवालों, बाजार तोल्हा, छतरीघाट होता हुआ सदर इमामबाड़े में जाकर समाप्त हुआ। तब से हर साल इस जुलूस का आयोजन होता चला आ रहा है।

इस जुलूस का 84 वाँ वर्ष इस साल 8 अगस्त को आयोजित होने जा रहा है। इस जुलूस के कार्यक्रम की शुरुआत एक मजलिस से होगी, जिसे ख्वाति प्राप्त शिया धर्म गुरु मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद साहब किब्ला सम्बोधित करेंगे। मजलिस समाप्त होने के पश्चात् शबीहे अलम, अमारी जुल्जनाह व गहवारा अली असगर निकाला जायेगा। तत्पश्चात् जुलूस के निकाले जाने के कारणो पर प्रकाश डाला जायेगा, जुलूस के साथ साथ शहर की समस्त अन्जुमनें तथा बाहर की अन्जुमनें नौहा व मातम करते हुए जब इमामबाड़ा मीरघर पहुंचेगी तब वहां से एक ताबूत जनाबे सकीना निकाला जायेगा, जिसको अलम मुबारक से मिलाया जायेगा। जुलूस अपने निर्धारित मार्गों से होता हुआ पानदरीबा रोड, छतरीघाट, होते हुए जब सदर इमामाबाड़ा पहुंचेगा वहां एक तकरीर होगी तथा अमारियां रौज़े में दाखिल होगी। जुलूस के व्यवस्थापक सैयद शहेन्शाह हुसैन रिजवी एडवोकेट ने सभी धर्म के लोगो का अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है, श्री रिज़वी ने बताया कि इस जुलूस की मजलिस ठीक 3 बजे सायंकाल बिना किसी इन्तेजार के प्रारम्भ कर दी जायेगी। जुलूस के अध्यक्ष अलमदार रिज़वी ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से पूर्व की भांति पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया है।

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