मनीष श्रीवास्तव, पूर्वांचल लाइफ
जौनपुर, उत्तर प्रदेश:
जौनपुर के अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय में 30 मई 2025 की शाम एक अप्रत्याशित घटना ने सबको चौंका दिया। किन्नरों के एक बड़े समूह ने एमरजेंसी कक्ष में घुसकर जमकर किया हंगामा। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर दिखाई दी।
घटना का क्रम
शाम करीब 08 बजे, किन्नरों का एक समूह अचानक चिकित्सालय पहुंचा। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, किसी विवादित मामले को लेकर वे गुस्से में थे। किन्नरों ने एमरजेंसी कक्ष में घुसकर अर्धनग्न होकर डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से बदसलूकी शुरू कर दी। इसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया।
चिकित्सालय के कर्मचारियों ने बताया कि इस दौरान किन्नरों ने अस्पताल के उपकरणों को तोड़ा और चिकित्सकों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाया। कई स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद को कमरे में बंद करके अपनी जान बचाई।
पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
घटना के समय पुलिस बल मौके पर मौजूद था, लेकिन किन्नरों के आक्रामक रवैये को देखकर पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोई ठोस कोशिश नहीं की, जिससे किन्नरों का हौसला और बढ़ गया।
चिकित्सालय प्रशासन का बयान
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कहा, “हमारी सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यह घटना बेहद निंदनीय है और इससे हमारे कर्मचारियों के मनोबल पर असर पड़ेगा।”
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
जौनपुर के नागरिक इस घटना से स्तब्ध हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “अगर जिला चिकित्सालय में भी डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा?”
यह घटना न केवल चिकित्सा प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर चर्चा की आवश्यकता को उजागर करती है।