एक लड़का जब पहली बार किसी लड़की को बताता है कि वो उस लड़की से प्यार करता है, तो कॉल पर नहीं आमने सामने भी नहीं व्हाट्सएप लिख कर बताता है ।
एक लड़का जब पहली बार उस लड़की के साथ एक कैफे में जाता है और वेज रोल खाता है, तो उस वेज रोल को देखकर मन में सोचता है कि जब इसी तरह मम्मी रोटी में देशी घी लगाकर गुड़ के साथ खाने के लिए देती थी तो वो कभी नहीं खाता था, पर आज वेज रोल खा रहा है ।
लड़का – (मन में) “कितना पागल बनाते हैं वेज रोल वाले कोई स्वाद ही नहीं आ रहा ।
ये रोटी जैसा तो है कुछ कच्ची सब्जी डाल दिए हैं ”
लड़की – “कैसा है वेज रोल ?”
लड़का – “बहुत बढ़िया”
एक लड़का जब पहली बार उस लड़की की स्कूटी में उसके साथ बैठता है तो उसे समझ नहीं आता बैठे कैसे।
कहीं उसका शरीर लड़की से छू न जाए इसलिए वो अपने दोनो हाथों से स्कूटी को पीछे पकड़ता है
और ये सोच भी रहा है कोई देखेगा तो क्या कहेगा कि इसे बैठना भी नहीं आता।
एक लड़का जब उस लड़की के साथ एक फूड कैफे में जाता है तो पनीर रोल का ऑर्डर देकर टोकन लेता है और उसे जेब में भर लेता है। दस मिनट बैठने के बाद
लड़की – “तुमने टोकन दे दिया है न ?
ताकि शेफ जल्दी से हमारा ऑर्डर बना दे।”
लड़का – “कौन सा टोकन ?
अच्छा वो मुझे लगा….. ”
दस मिनट बाद जेब से टोकन निकालता है और कैफे वाले को देता है।
मैंने टोकन जेब में क्यूं भर लिया (मन में कहता है)
लड़की उसकी शकल देख कर हंस रही है ।
एक लड़का जब उसके फोन की घंटी बजती है……
हैलो….
हैलो….
लड़की – कैसे हो ?
लड़का – ठीक हूं ,तुम कैसी हो?
लड़की – मैं भी ठीक हूं, और ?
लड़का – और सब बढ़िया।
लड़की – और सुनाओ
लड़का – सब ठीक
एक मौन के बाद ….
लड़की – और
लड़का – और सब बढ़िया।
मौन……….
लड़की – और सुनाओ?
लड़का – क्या ?
लड़की – कुछ भी
एक ठंडे मौन के बाद……..
लड़का – सब बढ़िया, तुम बताओ
कोई नए समाचार ?
लड़की – कोई नहीं, और ?
लड़का – और सब बढ़िया
लड़की – ठीक है फिर रखती हूं,
कल बात करेंगे, बाय।
लड़का – बाय …..
फिर मौन…….
अरे यार पूंछना था मुझे
उससे मिलने के लिए
पूछना था कि तुम
अभी कौन से कपड़े पहनी हो।
बताना था कि मामा के लड़के की शादी वाली जो अपनी फ़ोटो भेजी थी न उसमें बहुत सुंदर लग रही थी तुम ।
तुम लगाया करो
काली वाली छोटी बिंदी हमेशा
उसमें बहुत अच्छी लगती हो।
बताना था ।
तुम्हारा फ़ोन आता है
तुम्हारा फोन जाता है
एक मौन आता है
फिर नहीं जाता
बताना था
बताना था ये भी
क्या मौन हो जाना सब कुछ कह देना नहीं होता?
बताना था।
~अभिषेक सुमन
(PhD स्कॉलर)