नए कानून की जानकारी के अभाव में गलत धाराओं में एफआईआर दर्ज

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तहरीर में वादी को चोट का जिक्र नहीं, फिर भी साधारण व गंभीर चोट की धाराओं में दर्ज हुई प्राथमिकी

विवेचना में नहीं हुआ परिवर्तन तो वादी को न्याय मिलने में होगी दिक्कत-हिमांशु श्रीवास्तव “एडवोकेट”

जौनपुर। नए कानून की जानकारी के अभाव में लाइन बाजार थाना की पुलिस ने सड़क दुर्घटना के मामले में गलत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। अब विवेचना में यदि धाराओं में परिवर्तन नहीं किया गया और चार्जशीट भी कोर्ट में गलत धाराओं में दाखिल हो गई तो वादी को न्याय मिलने में परेशानी होगी। बता दें कि बायोमेडिकल इंजीनियर दीपांशु यादव निवासी भगौती कॉलोनी, हुसैनाबाद ने लाइन बाजार थाने में तहरीर दिया कि वह 1 जुलाई 2024 को इलाहाबाद से कार से घर लौट रहा था कि रात 9:30 बजे नईगंज रेलवे फाटक के पास पीछे से आ रहे ट्रक ने लापरवाही पूर्वक चलाते हुए वादी की कार में धक्का मार दिया जिससे कार का दाहिना हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। वादी ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो ट्रक ड्राइवर ने उसे गालियां व धमकी दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर 2 जुलाई 2024 को 4:44 बजे नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 281(लोक मार्ग पर उतावलेपन से वाहन चलाना), 125 ए(उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करके किसी व्यक्ति को साधारण चोट पहुंचाना),125 बी (उतावलेपन या उपेक्षा से कोई कार्य करके गंभीर चोट पहुंचाना),324 (4) (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना),352(लोक शांति भंग करने के आशय से अपमान/गाली देना) 351 3 (धमकी) में एफआईआर दर्ज किया। अन्य धाराओं में तो एफआईआर सही दर्ज हुई लेकिन धारा 125 ए व 125 बी का अपराध घटित ही नहीं हुआ इसके बावजूद भी इन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई क्योंकि वादी की तहरीर में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि दुर्घटना में उसे साधारण या गंभीर चोट लगी। अब अगर पुलिस विवेचना में इन धाराओं को नहीं हटाती और सभी धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर देती है तो वादी को न्याय मिलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। नए कानून के संबंध में पूर्व में ही जागरूकता सेमिनार का आयोजन कर सभी को कानून की जानकारी देनी चाहिए थी और अभी भी जागरूकता सेमिनार अपेक्षित है अन्यथा की स्थिति में इस प्रकार की गड़बड़ी होती रहेगी और लोगों को न्याय मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

अगर इस तरह का मामला है तो इसकी जांच कराएंगे। पीड़ित को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

-डॉक्टर अजय पाल शर्मा, एसपी

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