डॉ. सुधीर को रूस से मिला विजिटिंग प्रो. सम्मान
पीयू की कुलपति प्रो वंदना सिंह ने दी बधाई
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ. सुधीर के. उपाध्याय को विजीटिंग प्रोफेसर का सम्मान मिला है। यह सम्मान रूस की साउथर्न फ़ेडरल यूनिवर्सिटी, रोस्तोव-ऑन-डॉन ने विजिटिंग प्रोफेसर से सम्मानित किया गया है। डॉ. सुधीर उपाध्याय को रूस के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय ने 4 जून से 16 जून तक रूस में कई वैज्ञानिक व्याख्यान दने के लिए आमंत्रित किया था। इस क्रम में डॉ. सुधीर उपाध्याय ने गेलेंद्ज्हिक, रोस्तोव-ऑन-डॉन एवं मास्को के यूनिवर्सिटी का विजिट किया। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के पर्यावरण विज्ञान विभाग के सहायक आचार्य डॉ उपाध्याय को यह आमंत्रण उनके शोध पत्रों की उच्च कोटि के गुणवत्ता के ही आधार पर मिला था। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने डॉ. सुधीर उपाध्याय को रूस से मिले इस सम्मान के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ सुधीर जैसे शिक्षकों की प्रतिभा से विश्वविद्यालय का नाम वैश्विक पटल पर पहुँच रहा है। देश के बाहर के विश्वविद्यालयों से शैक्षिक कार्य हेतु आमंत्रित किया जाना विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है। उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन “पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों के मृदा आवरण के सतत विकास की संभावनाएँ और समस्याएँ” और दूसरा अंतर्राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक स्कूल द्वारा आयोजित “मानव जनित भार के तहत मृदा पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी, सुरक्षा और बहाली” पर था। डॉ. सुधीर उपाध्याय रूस के अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में रुसी वैज्ञानिकों, शोध छात्रों के साथ कई दिनों तक वैज्ञानिक विवेचनों में अपना अमूल्य योगदान दिए।
रूस की साउथर्न फ़ेडरल यूनिवर्सिटी की ओर से प्रोफेसर मैक्सिम बोंडारेव, वाइस रेक्टर, एवं प्रो. तातियाना मिंकिना, प्रमुख, मृदा विज्ञान विभाग, साउथर्न फ़ेडरल यूनिवर्सिटी ने डॉ.सुधीर उपाध्याय के रिसर्च एवं वैज्ञानिक सोच को देखते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने के लिए तैयार हुए। इस अनुसंधान और सहयोग गतिविधियों से दोनों विश्वविद्यालयों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने दोनों विश्वविद्यालयों के प्रमुख मेम्बरों से ऑनलाइन मीटिंग भी की। कहा कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय साउथर्न फ़ेडरल यूनिवर्सिटी से साइंटिफिक समझौता करने को तैयार है। विश्वविद्यालयों के मध्य समझौता का मुख्य एजेंडा अनुसंधान क्षेत्र में विकास, विशेष रूप से पर्यावरण और मृदा विज्ञान अनुसंधान, जल अनुसंधान, प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में फसलों की वृद्धि, फैकल्टी एंड स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम इत्यादि विषयों पर है।