भाई की तहरीर पर देर रात दर्ज हुआ मुकदमा, तालाब कब्जे को लेकर अदावत का आरोप*
जौनपुर। शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के इमरानगंज बाजार में नकाबपोश हमलावरों की गोली से मारे जाने वाले पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता आशुतोष श्रीवास्तव के मामले में दर्ज एफआईआर में बड़े और चर्चित नाम बतौर आरोपी शामिल हैं। मृतक के भाई संतोष श्रीवास्तव की तहरीर पर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ नामजद और पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। नामजद आरोपियों में कारोबारी नासिर जमाल, उनके भाई अर्फी उर्फ कामरान, अन्य हत्या के आरोप में जेल में बंद हाशिम और गो तस्कर व हिस्ट्रीशीटर जमीरुद्दीन का नाम शामिल है। जमीरुद्दीन को पुलिस ने महाराष्ट्र के भिवंडी से गिरफ्तार भी किया है, जिसे जौनपुर लाने की कवायद जारी है।
मृतक आशुतोष श्रीवास्तव के भाई संतोष श्रीवास्तव ने पुलिस को दी गई तहरीर में कारोबारी नासिर जमाल, उनके भाई अर्फी, जेल में बंद हाशिम और हिस्ट्रीशीटर जमीरुद्दीन पर संगीन आरोप लगाए। संतोष ने बताया कि सबरहद गांव में गाटा संख्या 1816 तालाब खाते के नाम से दर्ज था, लेकिन कई सालों से साजिशन इसकी नवैय्यत बदल दी गई और यह सरकारी अभिलेखों में फारूकिया मदरसा के नाम से दर्ज हो गया। इससे इस पर फारूकिया मदरसे का कब्जा हो गया। बाद में मदरसे की प्रबन्ध समिति के पदाधिकारियों ने उसे अवैध लीज पर दे दिया और उस तालाब में मछली पालन होने लगा। इससे ये लोग पैसे कमाने लगे और सरकार को राजस्व का नुकसान होने लगा।
इसी तथ्य की जानकारी मृतक आशुतोष श्रीवास्तव ने तहसीलदार शाहगंज और राजस्व परिषद उ.प्र. को आईजीआरएस और जन सूचना अधिकार के तहत दी। इस वजह से मदरसे की प्रबन्ध समिति के पदाधिकारी नसीर जमाल, अर्फी, जमीरुद्दीन और हाशिम नाराज हो गए। इन सबने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी। मृतक के भाई संतोष के मुताबिक सोमवार सुबह आशुतोष घर से उसरहटा, आजाद जाने के लिए अपनी बुलेट से निकले थे। सबरहद मोड़ के पास स्थित काजी एग व किराना स्टोर की दुकान के पास अरफी उर्फ कामरान पांच हमलावरों के साथ मौजूद था। उसने आशुतोष को हाथ से इशारा करके रोक लिया। आरोप है कि अर्फी के इशारे पर पांचों हमलावरों ने घेरकर आशुतोष पर गोलियां दागीं। संतोष के मुताबिक वो उस वक्त थोड़ी ही दूर सन्तलाल मेडिकल स्टोर के पास मौजूद था। उसने घटना को देखा। संतोष के मुताबिक अर्फी ने चिल्लाकर कहा कि आज नासिर जमाल, जमीरुद्दीन, मो. हाशिम और मदरसे के कमेटी के सारे लोगों का काम पूरा हो गया।
तहरीर में संतोष ने बताया कि उसने घर फोन करके अतुल और परितोष को बुलवाया और आशुतोष को टेम्पो में बैठाकर शाहगंज सीएचसी ले आने लगा। रास्ते में आशुतोष ने बताया कि अर्फी उर्फ कामरान, नासिर जमाल, जमीरूद्दीन, मो. हाशिम और फारूकिया मदरसा की प्रबन्ध समिति के लोगों ने साजिश के तहत गोली मरवाई। इतना कहने के बाद वी मार्ट के सामने आशुतोष ने दम तोड़ दिया। संतोष की इस तहरीर को आधार बनाकर कोतवाली पुलिस ने चार नामजद और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है।