पूर्वांचल लाईफ / पंकज कुमार मिश्रा
जौनपुर ! यूपी बोर्ड व आईसीएसई बोर्ड का इंटर का रिजल्ट जारी होने के बाद अगली कक्षाओं में प्रवेश के लिए मारामारी मची है। जौनपुर वाराणसी समेत पूरे यूपी के आंकड़े चौकाने वाले है। उच्च शिक्षा में प्रवेश की राह देख रहें लाखों छात्रों को अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ेगा। जहाँ एक तरफ वर्ष 2024 में जारी विभिन्न बोर्डो के इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम के बाद छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी की राह देख रहें वही नई शिक्षा नीति नें कक्षा संचालन और पाठ्यक्रम पूर्ण करने लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद से पठन पाठन का स्तर गिरा है क्यूंकि छात्रों का अधिकतर समय अस्सेस्मेंट और प्रायोगिक कार्यों में निकल जा रहा। वास्तविकता तो यह है कि प्रत्येक दो तीन माह के बाद लगातार परीक्षाओं के चलते ना ठीक से कक्षाएं संचालित हो रहीं ना प्रायोगिक कक्षायें चल पा रहीं। सीयूईटी की तैयारी के साथ ही छात्र-छात्राएं वाराणसी के प्रमुख कालेजों में भी दाखिला के लिए आवेदन कर रहे हैं। ऐसे में यूपी कालेज और हरिश्चंद्र कॉलेज में एडमिशन के लिए लगभग 6000 आवेदन आए हैं।यूपी कालेज में यूजी की 1991 और पीजी की 720 सीटें हैं। यहां प्रवेश के लिए 10 अप्रैल से शुरू रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 31 मई तक चलेगी। जुलाई में प्रवेश परीक्षा कराई जा सकती है। यहां बीएससी आनर्स कृषि, विज्ञान वर्ग में एडमिशन को लेकर रूझान अधिक हरिश्चंद्र पीजी कालेज में 2500 और उदय प्रताप कालेज में 3500 रजिस्ट्रेशन हो गए हैं। हरिश्चंद्र पीजी कालेज में यूजी की 2067 और पीजी की 500 मिलाकर कुल 2567 सीटें हैं। यहां 20 अप्रैल से प्रवेश के लिए आनलाइन पंजीकरण हो रहा है। यूजी और पीजी दोनों पाठ्यक्रमों में अब तक 2500 छात्र-छात्राओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। कालेज प्रशासन के मुताबिक एएलबी और एमकॉम में एडममिशन को लेकर ज्यादा रूझान है। एलएलबी के लिए हर साल लगभग तीन हजार आवेदन आते हैं। इस साल अभी तक 1500 आवेदन आ चुके हैं। आंकड़ो कि बात करें तो 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (एनईईटी यूजी) ने इच्छुक उम्मीदवारों से प्राप्त 24 लाख आवेदनों के साथ एक नया रिकॉर्ड बनाया है। उत्तर प्रदेश में 331 (अल्पसंख्यक महाविद्यालयों को छोड़कर) अशासकीय अनुदानित महाविद्यालय हैं। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 8,375 कॉलेज हैं। यह आंकडा पिछले वर्ष 8,114 था। प्रत्येक एक लाख की आबादी पर 30 कॉलेज हैं। इस साल, यूपी बोर्ड हाई स्कूल यानी कक्षा 10वीं और इंटरमीडिएट यानी कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच आयोजित की गई थी, जिसमें 55,25,308 विद्यार्थियों ने भाग लिया है. बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत कुल छात्रों में से 29,47,311 कक्षा 10वीं के लिए और 25,77,997 कक्षा 12वीं के छात्र थे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से यूपी बोर्ड दसवीं और इंटर का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। एक्सपर्ट की मानें तो इस साल का रिजल्ट अच्छा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी लड़कियां आगे रही हैं। इस बार यूपी बोर्ड 10वीं के टॉप 10 में 159 स्टूडेंट्स और 12वीं के टॉप 10 में 408 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इस साल यूपी बोर्ड हाईस्कूल का रिजल्ट 89.55% और इंटरमीडिएट का 82.60% रहा है। इस तरह अगर जनपद वार देखे तो प्रत्येक जनपद के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए तगड़ा मारामारी है। छात्र संख्या के आधार पर प्रवेश लेने वाले कॉलेज या तो शिक्षकों की कमी से जूझ रहें या प्रवेश प्रक्रिया के लेट लतीफी से। प्राइवेट कॉलेज में मनमानी फीस के चलते गरीब छात्र सरकारी कॉलेज के तरफ रुख कर रहें। जौनपुर समेत अन्य जनपदो के सरकारी कॉलेजों में स्नातक प्रवेश की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुईं है क्यूंकि अभी वहां सेमेस्टर परीक्षाए चल रहीं। सेशन लेट लतीफी के चलते छात्र परेशानी का सामाना कर रहें।