रूचि अग्रहरि को भारतीय नववर्ष महोत्सव में किया गया सम्मानित

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पूर्वांचल लाईफ “पंकज जयसवाल”

जौनपुर/शाहगंज
कला किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है, माँ सरस्वती जिसके ऊपर अपनी कृपा करती है उसके स्वर में स्वयं विराजमान हो जाती है। रूचि अग्रहरि भी उन्ही में से एक है। इनके स्वर में स्वयं माँ सरस्वती विराजमान है, यदि इन्हें स्वर कोकीला कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। संस्कार भारती द्वारा आयोजित भारतीय नववर्ष महोत्सव में इन्होंने अपनी वाणी से संस्कार गीत का सस्वर गायन करके उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आपको अवगत कराते चले कि रूचि अग्रहरि विभिन्न विश्व विद्यालयों एवं संगीत विद्यालयों से संगीत में डिप्लोमा किया है और वर्तमान समय में तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर से संगीत एवं गायन की एमए प्रथम वर्ष की छात्रा है। मीडिया से मुखातिब होतें हुए उन्होंने कहा कि संगीत तो वह महासागर है जिसमें आप जितनी गहराई तक जाएगें उतना ही आपको आनंद की अनुभूति होगी। मैं अपने आपको बहुत भाग्यशाली मानती हूँ कि मुझे इतने अच्छे माता पिता मिले जो मुझे इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। मैं संस्कार भारती को भी बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ जिन्होंने मुझे अपने इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया और मुझे अपने गायन को लोगों तक पहुँचाने का अवसर दिया।

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