जिम्मेदारों की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल, एंटी भूमाफिया सेल कोमा में
संवाददाता “तामीर हसन शीबू”
जौनपुर। प्रदेश की सत्ता योगी आदित्यनाथ के हाथों में जब से आई है तब से भू-माफियाओं में हड़कंप मचा है। 19 मार्च 2017 को सरकार बनते ही सीएम योगी आदित्य नाथ एक्शन मे आ गए। एंटी भू-माफिया टास्क सेल का गठन कर दिया और अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई कि भू-माफिया कितने भी प्रभावशाली क्यों न हो अवैध कब्जे हटवाए जाए। मुख्यमंत्री के सख्त तेवर देख अधिकारी हरकत में भी आए और भू-माफियाओ से ज़मींन को मुक्त कराया जाने लगा। जगह जगह बाबा का बुल्डोजर गरजने भी लगा तो माफियाओं की हेकड़ी निकल गई लेकिन जौनपुर में एक प्रभावशाली स्वर्ण व्यापारी पर इसका कोई भी असर देखने को नहीं मिल रहा है।
बताया जा रहा हैं कि शहर कोतवाली चौराहा स्थित डायट परिसर की बेशकीमती सरकारी जमीन पर कब्जा अभी भी बरकरार है। सूत्रो से पता चला है कि नीचे से लेकर ऊपर तक मैनेजमेंट का खेल खेला गया है । अब ऐसे में सवाल उठता है कि बेशकीमती सरकारी जमीन पर व्यापारी द्वारा कब्जा किए जाने का मामला जगजाहिर है के बावजूद इसके अवैध निर्माण पर बुलडोजर क्यों नही चल रहा है। जिला प्रशासन की निगाह ऐसे लोगो पर कब पड़ेगी? डायट के ज़िम्मेदार भी इस मामले में मुंह खोलने से बच रहे है।