जौनपुर। आज विभिन्न मांगों को लेकर जिला कार्यालय पहुंचे मरकजी सीरत कमेटी के पदाधिकारी, जिन्होंने आगामी त्यौहार जश्ने ईद मिलाद उल नबी जो चंद्र दर्शन के बाद 15 या 16 सितंबर को मनाया जाना है, को लेकर एक ज्ञापन जिलाधिकारी के नाम सौंपा जिसमें मांग की गई की जौनपुर शहर में होने वाले इतने बड़े जलसे और जुलूस में साफ सफाई की व्यवस्था, प्रशासनिक अमले की व्यवस्था, बिजली, रोशनी, छुट्टा जानवरो को बंद करने मार्ग सुगम कराने हेतु 13 सूत्रीय मांगो को लेकर एक ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर मरकजी सीरत कमेटी के अध्यक्ष सद्दाम हुसैन और सचिव अकरम मंसूरी सहित मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
532 ईस्वी में अरब के मक्का शहर में हजरत मोहम्मद की पैदाइश हुई थी जो इस्लाम धर्म के आखिरी प्रवर्तक माने जाते हैं, उन्ही के जन्मोत्सव को जश्ने ईद मिलादुन नबी के नाम से जाना जाता है जो शहर में एक ऐतिहासिक जुलूस होता है जिसे यहां के मुस्लिम समाज के लोग पिछले 150 वर्ष से मनाते चले आ रहे हैं।
यह जुलूस मछलीशहर पड़ाव स्थित शाही ईदगाह से उठकर अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ जहांगीराबाद, शाही पुल चाहरसू चौराहा, हरलालका रोड, से होता हुआ कोतवाली तिराहे से अल्फस्टीनगंज से होता हुआ शाही अटाला मस्जिद पर एक जलसे के रूप में परिवर्तित हो जाता है, जहां रातभर जुलूस में हुजूर की शान में विभिन्न प्रकार के अखाड़े अपना करतब दिखाते है और विभिन्न अंजुमन हुजूर कि शान में नात पढ़ते हुए चलती है। इसको सुनने और देखने के लिए लाखों लोगों का हुजुम जिले भर से शहर में आता है और यह कार्यक्रम रात भर चलता रहता है।