सहकारी समितियों पर डीएपी की किल्लत, परेशान है छोटे किसान…!

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पूर्वांचल लाईफ/पंकज सीबी मिश्रा

थानागद्दी।
प्रदेश के अन्नदाता आज खेती किसानी में जूझ रहे। जौनपुर समेत विकासखंड केराकत में कभी पानी का संकट तो कभी सिचाई की समस्या और अगर इन सबसे बच गए तो खाद और डीएपी की भारी किल्लत का सामना। सरकारी खाद वितरण सोसाइटी की लापरवाही कह लीजिये या सोसाइटी के संचालक की मनमानी ! क्षेत्रीय किसानों का आरोप है कि, समितियों पर खाद वितरण में पारदर्शिता नहीं बरती जाती, स्थानीय किसानों का कहना है कि, समिति कर्मचारी अपने सगे-संबंधियों और जुगाड़ियों को प्राथमिकता देकर भारी मात्रा में खाद उपलब्ध करा देते है। छोटे और सीमांत किसान दर – दर भटकते है। छोटे किसानों को एक-दो बोरी खाद के लिए भी दर-दर भटकना पड़ रहा है। जनपद के पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा ने कहा कि अन्नदाता किसानों को घंटों लाइन में लगने के बावजूद खाद नहीं मिल पाता। यह प्रशासन की घोर नाकामी और किसानों के साथ किया जा रहा अन्याय है। इसी गंभीर मुद्दे पर किसानों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया था। सरकारी सोसायटी में डीएपी आते ही स्टॉक समाप्त हो जाता है। किसानों को प्राइवेट दुकानों या ब्लैक मार्केट से महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है। इससे खेती की लागत बढ़ रही है।

केराकत तहसील के थानागद्दी के एक स्थानीय किसान ने बताया कि सरकारी सोसाइटी में कभी समय से डीएपी नहीं मिलती। आती है तो बड़े साहब लोग सोर्स लगा उठा ले जाते है। एक किसान ने सरकारी सहकारी समिति पर धांधली का आरोप लगाते हुए, प्रशासन से डीएपी की जल्द आपूर्ति की मांग की। उनका कहना है कि समय पर डीएपी नहीं मिलने से सरसो और गेंहू की बुवाई दोनों प्रभावित होती है । इससे फसलों की उपज पर भी बुरा असर पड़ सकता है। पत्रकारों ने कहा कि योगी सरकार किसानी पर ध्यान दे रही पर अधिकारीयो की लापरवाही ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेती का मौसम चल रहा है और किसानों को खाद उपलब्ध न कराना सीधे-सीधे उनकी आजीविका पर हमला है।‌ किसान अपनी ही धरती पर अन्न उपजाने के लिए बुनियादी सुविधा के लिए तरस रहे हैं। प्रदेश सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों की जेब भरने में लगी है, जबकि अन्नदाता दर-दर भटकने को मजबूर है। किसानों को तत्काल पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए। खाद वितरण में भारी भ्रष्टाचार और कालीबाज़ारी खाद वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित हो। दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो खेती का मौसम चल रहा है, लेकिन खाद की कमी से बोआई बाधित किसानों को राहत देने के लिए विशेष सहायता पैकेज घोषित किया जाए।

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