तलाक के बाद पत्नी का संपत्ति पर अधिकार खत्म: हाईकोर्ट का अहम फैसला

Share

अधिवक्ता: पिंकी राजगुरु
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कर दिया है कि तलाक के बाद पत्नी को पूर्व पति की संपत्ति पर कोई कानूनी हक नहीं रहता। अदालत ने कहा कि तलाक की डिक्री मिलने के साथ ही वैवाहिक संबंध समाप्त हो जाते हैं और पत्नी उत्तराधिकारी या स्वामी के रूप में पति की संपत्ति पर दावा नहीं कर सकती।

यह फैसला रायगढ़ सिविल कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने वाली एक महिला की अपील को खारिज करते हुए सुनाया गया। पहले सिविल कोर्ट ने भी महिला की याचिका खारिज कर दी थी, जिसे वह हाईकोर्ट में लेकर पहुंची थी।

क्या था मामला?

पति ने वर्ष 2013 में रायगढ़ की फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दी थी। मार्च 2014 में कोर्ट ने पति के पक्ष में तलाक की डिक्री पारित कर दी, जिसके अनुसार 31 मार्च 2014 से दोनों के वैवाहिक संबंध खत्म हो गए थे।

इसके बावजूद, महिला ने पति द्वारा खरीदी गई एक किराए की संपत्ति पर जबरन कब्जा कर लिया। वह 8-10 लोगों के साथ मकान में घुस गई और वहीं रहने लगी। पति ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद महिला और अन्य के खिलाफ IPC की धाराओं 452 (गैरकानूनी प्रवेश), 448 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया।

सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट ने क्या कहा?

महिला ने रायगढ़ सिविल कोर्ट में संपत्ति पर अपना अधिकार जताते हुए दावा दायर किया, लेकिन कोर्ट ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि तलाक के बाद पत्नी का पति की संपत्ति पर कोई वैध अधिकार नहीं है।

महिला ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसकी दलील थी कि पति उसे संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकता और न ही उसका अधिकार छीना जा सकता है। लेकिन हाईकोर्ट ने यह अपील भी खारिज कर दी।

हाईकोर्ट की स्पष्ट टिप्पणी:

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “31 मार्च 2014 को तलाक की डिक्री पारित होने के साथ ही दोनों के वैवाहिक संबंध समाप्त हो चुके हैं। इस स्थिति में महिला का पति की संपत्ति पर कोई वैधानिक अधिकार नहीं बनता।” कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि तलाक के बाद पत्नी की उत्तराधिकार की स्थिति स्वतः समाप्त हो जाती है।

निचली अदालत के आदेश की पुष्टि:

हाईकोर्ट ने रायगढ़ सिविल कोर्ट के निर्णय को सही ठहराते हुए अपील को निराधार माना और महिला की याचिका को खारिज कर दिया।

निष्कर्ष:
यह फैसला स्पष्ट करता है कि तलाक के बाद महिला को पति की चल-अचल संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रह जाता है। यह निर्णय भविष्य के विवादों में कानूनी मार्गदर्शन देने वाला साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!