1450 जरूरतमंदों को गरमागरम राजमा-चावल परोसा गया
लखनऊ। श्रावण मास की पावन हरियाली तीज पर इंडियन हेल्पलाइन सोसाइटी (पंजीकृत) द्वारा ‘ब्रज की रसोई’ नामक नि:शुल्क भोजन वितरण सेवा का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के जरूरतमंद, निराश्रित बच्चों और वृद्धजनों तक गरिमापूर्ण भोजन पहुँचाया गया।
संस्था के संस्थापक विपिन शर्मा ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य वंचित और असहाय लोगों को सिर्फ भोजन देना नहीं, बल्कि उन्हें सम्मानपूर्वक पोषण उपलब्ध कराना है। उन्होंने इसे “प्राणीमात्र की सेवा और निःस्वार्थ समर्पण” का संकल्प बताया।
संस्था की राष्ट्रीय महिलाध्यक्ष रजनी शुक्ला ने सामाजिक संगठनों, संवेदनशील नागरिकों और दानदाताओं से अपील की कि इस सेवा यज्ञ में तन-मन-धन से भागीदार बनें और जरूरतमंदों तक सहानुभूति व संवेदना पहुँचाएं।
आदित्य कुमार शुक्ला ने अपने वक्तव्य में इसे न केवल सेवा कार्य बल्कि भारतीय संविधान के भाग-4A के तहत एक नागरिक कर्तव्य बताया, जो सामाजिक सेवा और मानवीय मूल्यों के संवर्धन को प्रोत्साहित करता है।
आयोजन की पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष बल देते हुए गीता प्रजापति ने बताया कि हर स्तर पर सेवा गतिविधि को सुचारु एवं मर्यादित ढंग से संचालित किया गया।
आशीष श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की सफलता का श्रेय समर्पित स्वयंसेवकों को देते हुए बताया कि भोजन वितरण के दौरान स्वच्छता, पोषण की गुणवत्ता और मर्यादा का पूरा ध्यान रखा गया।
सेवा क्षेत्र: इस बार भोजन वितरण सेक्टर-एम रिक्शा कॉलोनी, रतन खंड, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के समीप झुग्गी-झोपड़ियाँ, निर्माणस्थलों पर श्रमिकों के अस्थायी निवास, नगर निगम जोन-8 की मलिन बस्तियाँ और रतन खंड पानी टंकी क्षेत्र जैसे चिन्हित इलाकों में किया गया, जहाँ करीब 1450 बेसहारा बुज़ुर्गों और बच्चों को राजमा-चावल गरमागरम और ससम्मान परोसा गया।
सुष्मिता शर्मा ने बताया कि भोजन वितरण सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि प्रत्येक लाभार्थी से आत्मीय संवाद कर सेवा को मानवीय स्पर्श भी प्रदान किया गया।
इस सेवा कार्यक्रम में राजकुमार शुक्ला, दिनेश पाण्डेय, मुकेश कनौजिया, विकास पाण्डेय, नवल सिंह, गीता प्रजापति, सुष्मिता शर्मा और स्वयंसेवकों ने अग्रणी भूमिका निभाई।
“एक दान – बड़ा बदलाव” की भावना के साथ संस्था ने यह संदेश दिया कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक आशा, आत्मबल और सम्मान पहुँचाना ही सच्ची सेवा है।