तरुणमित्र / ब्यूरो
भिवंडी : इंसान का जुनून उसे किसी हद तक आगे बढ़ा देता है, कई लोगो ने अपने चाहत को पूरी करने में इस जुनून से लगे कि पूरी दुनिया से अलग अपनी राह बनाते है। ऐसे में वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहते है, आज हम उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के गांव लोली पोख्तखाम पोस्ट कोहंडौर के रहने वाले दीपक तिवारी के बारे में बताते है। जो साइकिल से 8 बार चार धाम की यात्रा पूरी कर चुके है, इस बार 9 वीं बार चार धाम यात्रा करने निकले है, इलाबाद से सिविल सेवा की तैयारी कर रहें थे। दीपक तिवारी को गीता अध्यन करने की रुचि हुई। उसी दौरान तिवारी के मन 11 बार साइकिल से चार धाम यात्रा करने का संकल्प लिया। उन्होंने साल 2010 को पहली बार साइकिल से चार धाम यात्रा पर साइकिल से निकले इस यात्रा के दौरान उन्हें प्रभु और प्रकृति से इतना लगाओ हो गया कि इसके बाद उन्होंने वर्ष 20 – 21 को छोड़ हर वर्ष साइकिल से चार धाम यात्रा पूरी की है। तिवारी इस वर्ष भी साइकिल से चार धाम यात्रा पर निकले है। इसी यात्रा के दौरान उनका ठराव भिवंडी शहर में हुआ है, भिवंडी शहर में दीपक तिवारी का एड. विवेकानंद पांडे और उनके साथियों ने जोरदार स्वागत किया। दीपक तिवारी ने यात्रा अनुभव साझा करते हुएं कहा कि यात्रा के दौरान यह अनुभव हुआ की भगवान में बड़ी शक्ति है, एक महीने में वो करीब 4000 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी कर लेते है।
दीपक तिवारी अयोध्या से सीतामढ़ी से कोलकाता कालीघाट वहां से उड़ीसा जगन्नाथ पुरी कोर्णाक होते हुए नागपुर, नागपुर से महाकाल उज्जैन, महाकाल उज्जैन से त्रंबकेश्वर ,त्रंबकेश्वर से भिवंडी से मुंबा देवी मंदिर से पुष्कर , सोमनाथ ज्योतिर्लिग, श्री नागेश्वर बाबा ज्योतिर्लिंग का दर्शन करेंगे उसके बाद वहां से द्वारकाधीश और रुक्मणी देवी तथा भेंट द्वारका का दर्शन भी करेंगे वहां से वैष्णो देवी से साइकिल से ही निकल जाएंगे चार धाम यात्रा पर यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ बद्रीनाथ वहां से गंगोत्री से जल लेकर के यह जाएंगे रामेश्वरम जलाभिषेक करने के लिए यह इनकी नवी यात्रा है। दीपक तिवारी यह एक शिक्षित परिवार से आते उनके पिताजी प्रतापगढ़ सत्र न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता थे। उनका एक भाई पुलिस विभाग में कार्यरत है, और एक भाई जिला व्यायाम प्रसीक्षक विभाग में है, और अपने गांव के बहुत बड़े जमींदार परिवार से संबंध रखते है। परंतु उनके अंदर जो एक देवी कृपा पैदा हो गई है कि अपने आप को ईश्वर के हवाले कर दिए । यात्रा के उपरांत जब भी अपने कुटिया पर होते हैं तब हर शनिवार और हर मंगलवार को अयोध्या भगवान श्री राम का दर्शन करते है, और उनके घर से वह दूरी लगभग 100 किलोमीटर की है कि इनका नियम है हफ्ते में दो बार जाकर के दर्शन करते हैं साइकिल से।।दीपक तिवारी ने 8 बार यात्रा का अनुभव साझा करते हुएं बताया कि यात्रा के दौरान लोग उनसे जुड़ने लगे और उनकी यात्रा में लोग मदद करने लगे जिससे उनका साहस बढ़ने लगा और उन्होंने अपनी यात्रा को हर वर्ष करने का मन बना लिया तिवारी ने कहा यात्रा के दौरान उन्हें एक अलग अनुभव मिलता है। जिसका अनुभव बयान नहीं किया जा सकता।