राष्ट्रीय लोक अदालत में 48,600 मामलों का निस्तारण, 236 करोड़ रुपये से अधिक पर हुआ समझौता

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डॉ दिलीप कुमार सिंह

जौनपुर, 13 सितम्बर।
उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को जनपद न्यायालय परिसर जौनपुर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में एक ही दिन में कुल 48,600 मामलों का निस्तारण किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रकरणों में कुल 236 करोड़ 15 लाख 99 हजार 997 रुपये की समझौता राशि तय हुई।

लोक अदालत का शुभारम्भ माननीय जनपद न्यायाधीश अनिल कुमार वर्मा द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर उन्होंने सभी पक्षकारों एवं अधिवक्ताओं को अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण हेतु प्रोत्साहित किया।

निस्तारित मामलों का ब्यौरा :

परिवार न्यायालय: 154 मामलों का निस्तारण, ₹2 करोड़ 55 लाख 85 हजार की राशि पीड़िताओं को दिलाई गई।

एम०ए०सी०टी० (दुर्घटना क्षतिपूर्ति): 122 दावों में से 108 का निस्तारण, कुल ₹81 करोड़ 32 लाख 90 हजार की क्षतिपूर्ति।

विद्युत वसूली: 304 वाद निस्तारित।

शमनीय फौजदारी वाद: 2,890 मामलों में ₹7 लाख 74 हजार 910 का अर्थदंड।

सिविल न्यायालय: 103 मामलों में ₹2 करोड़ 38 लाख 1 हजार 8 रुपये के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी।

एन.आई. एक्ट: 1 मामला निस्तारित।

अन्य प्रकार के वाद: 886 मामलों में ₹15,540 का समझौता।

राजस्व न्यायालय व प्रशासनिक विभाग: 44,154 प्री-लिटिगेशन वाद निस्तारित, जिनमें वैवाहिक विवाद, राजस्व प्रकरण, विद्युत बिल व नगरपालिका कर सम्बंधी मामले शामिल।

बैंक/फाइनेंस कंपनियां व बीएसएनएल रिकवरी: 986 मामलों में ₹101 करोड़ 90 लाख 61 हजार 3 रुपये का समझौता।

विशिष्ट उपस्थिति :

इस अवसर पर श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव (प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय), मनोज कुमार अग्रवाल (पीठासीन अधिकारी, एमएसीटी), समस्त अपर जनपद न्यायाधीशगण एवं न्यायिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की समस्त व्यवस्था प्रशांत कुमार सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जौनपुर के निर्देशन में सम्पन्न हुई।

विशेष उपलब्धि:

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में न केवल लंबित मामलों का निस्तारण हुआ, बल्कि बड़ी संख्या में प्री-लिटिगेशन विवादों का भी शांतिपूर्ण समाधान किया गया। इससे पक्षकारों को न्यायिक प्रक्रिया में समय और धन की बचत हुई तथा आपसी समझौते से विवाद समाप्त हुए।

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