“डमी पर अभ्यास, हकीकत में जीवन रक्षा – पुलिस लाइन में हुआ बड़ा प्रशिक्षण”

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“जौनपुर पुलिस रंगरूटों को मिली जीवन बचाने की ढाल: सीपीआर व ट्रॉमा ट्रेनिंग सम्पन्न”

जौनपुर। “मानव जीवन से बड़ा कोई धर्म नहीं” इसी सोच को लेकर मुरली फाउंडेशन ने पुलिस लाइन परिसर में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित की। कार्यशाला में करीब 700 प्रशिक्षु रंगरूटों को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) और एक्सीडेंट ट्रॉमा हैंडलिंग की विशेष ट्रेनिंग दी गई।

प्रशिक्षण का नेतृत्व कृष्णा हार्ट केयर एंड ट्रॉमा सेंटर जौनपुर के ख्यातिप्राप्त अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. रोबिन सिंह ने किया। उन्होंने डमी के माध्यम से सीपीआर तकनीक का लाइव प्रदर्शन कर बताया कि समय रहते सीपीआर मिलने पर 10 में से 7 लोगों की जान बचाई जा सकती है। साथ ही पुलिस रंगरूटों को प्रैक्टिकल अभ्यास भी करवाया।

डॉ. सिंह ने दुर्घटना की स्थिति में घायलों की मदद करने के व्यावहारिक तरीके सिखाए—

खून बहना कैसे रोका जाए,
घायल को सुरक्षित स्थान तक पहुँचाने में किन सावधानियों का पालन हो,
मौके पर त्वरित प्राथमिक उपचार कैसे दिया जाए,

संस्था निदेशक मनीष चंद्रा ने कहा कि विदेशों में कॉलेज स्तर से ही सीपीआर प्रशिक्षण अनिवार्य है, जबकि भारत में इसकी जानकारी अब भी सीमित है। उन्होंने इसे “जीवन बचाने वाली शिक्षा” बताते हुए अधिक से अधिक लोगों को जागरूक होने का आह्वान किया।

संस्था अध्यक्ष अमित कुमार पांडेय ने बताया कि मुरली फाउंडेशन का प्रयास है कि समाज के हर वर्ग को यह प्रशिक्षण मिले। उन्होंने घोषणा की कि अगली कार्यशाला निषाद समाज के साथ होगी, जिसमें डूबते हुए व्यक्ति की जान बचाने की तकनीक पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस मौके पर एसपी नगर आयुष श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण का अधिकतम लाभ लेने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम में डॉ. बृजेश कनौजिया (नाक-कान-गला विशेषज्ञ), के.के. मिश्रा, संजय जायसवाल, रविकांत जायसवाल, पंकज सिंह, अतुल जायसवाल, नवीन मिश्रा, अनिल मौर्य, राजेश किशोर, योगेश साहू, नित्यानंद पांडेय समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन संस्था सचिव अजय सिंह ने किया।

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