जौनपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सोधी खण्ड द्वारा आयोजित दो दिवसीय वनविहार कार्यक्रम (23-24 अगस्त) में स्वयंसेवकों ने अयोध्याधाम की आध्यात्मिकता और प्राकृतिक छटा का अनुपम संगम अनुभव किया। इस दौरान देवदर्शन और सामूहिक प्रवास से जहां स्वयंसेवकों का उत्साह दोगुना हुआ, वहीं समाजसेवा के संकल्प को और अधिक दृढ़ता मिली।
कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने अयोध्या के प्रमुख दर्शनीय स्थलों-श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, मणिपर्वत, जैन मंदिर, वाल्मीकि भवन व राम की परणी-का दर्शन किया। प्रत्येक स्थल के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी संघ के वरिष्ठ शिक्षाविद व प्रचारकों ने स्वयंसेवकों को प्रदान की।
वनविहार का उद्देश्य केवल भ्रमण नहीं, बल्कि मनोरंजन, खेल, बौद्धिक चर्चा और सामाजिक कुप्रथाओं के निवारण पर विचार जैसे आयामों से स्वयंसेवकों को ऊर्जावान बनाना रहा। सामूहिक भोजन, प्रवास और प्राकृतिक वातावरण ने परस्पर भाईचारे को और गहरा किया।
अयोध्या विभाग प्रचारक कृष्णचंद्र की विशेष उपस्थिति में स्वयंसेवकों को आशीर्वचन व पाथेय मिला, जिससे उनका मनोबल और भी ऊँचा हुआ।
कुल 64 स्वयंसेवकों की सहभागिता वाले इस आयोजन में टेंट सिटी (जन्मभूमि ट्रस्ट) में ठहरने, स्वादिष्ट भोजन व जलपान की उत्कृष्ट व्यवस्था की गई। सोधी खण्ड के कार्यवाह अखिलेश ने कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी स्वयंसेवकों का आभार व्यक्त किया।
स्वयंसेवकों का मत रहा कि ऐसे आयोजन नियमित रूप से हों, ताकि नई पीढ़ी को प्रकृति, अध्यात्म और राष्ट्रसेवा का साझा अनुभव प्राप्त हो सके।
संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर आगामी वर्षभर ऐसे कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार की जा चुकी है।