पंकज सीबी मिश्रा/पूर्वांचल लाईफ
प्रयागराज : सनातन पूरा रहस्यों और लोककथाओं से भरा हुआ है। कहते है अखंड पृथ्वी पर कई पुख्ता प्रमाण है जिन्हें अनदेखा कर आप संतुष्ट नहीं हो सकते। एक ऐसा ही प्रमाण सावन में हर वर्ष मिलता है जब संगम नगरी प्रयागराज में दैवीय भाई बहन का रक्षाबंधन पूर्व मिलन होता है। अपितु बहन सावन पर स्वयं भैया के घर जाती है। चरण छूती है और आशीर्वाद लेती है। सनातन में ही यह संभव है और इस अद्भुत मिलन को देख कर शनिवार 2 अगस्त को भक्तों ने खूब जयकारे लगाए। पत्रकार एवं रिपोर्टर पंकज सीबी मिश्रा नें बताया कि संगमनगरी के सिद्धपीठ श्री पातालपुरी शनि तीर्थ डांडी महेवा, प्रयागराज में माता यमुना जी का जल तेजी से बढ़ता हुआ आज प्रातः 5:00 बजे मंदिर में प्रवेश कर गया। इस अवसर पर पीठाधीश्वर पराग महाराज और श्री शनि परिवार सेवा समिति के सदस्यों ने शनिदेव और माता यमुना की संयुक्त रूप से आरती उतारी। फूलमाला तथा भोग प्रसाद वितरण करने के बाद शनि देव के विग्रह को घंटा घड़ियाल और शंखनाद के साथ ले जाकर हरिश्चंद्र कुशवाहा के मकान में स्थापित किया। भगवान शनि देव का नित्य आरती पूजन विग्रह के रूप में किया जाएगा। प्रत्येक तीन वर्षों में माता यमुना अपने भैया से मिलने अवश्य आती हैं। इसी क्रम में हर वर्ष माता यमुना ने शनिदेव को पूर्ण स्नान कराया जाता रहा है। पूरे वर्ष बाद इस वर्ष भी शनि देव के मंदिर में यमुना जी का जल प्रवेश कर गया। इसी के साथ भाई शनिदेव और बहन यमुना जी का रक्षाबंधन से पूर्व अद्भुत मिलन हुआ। इस मिलन को देखने के लिए हजारों की संख्या में नगरवासी मंदिर के द्वार पर उपस्थित थे। उधर गत शनिवार को हुई झमाझम बारिश से गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ गया। एकदिन पहले तक गंगा-यमुना का जलस्तर धीमी गति से घट रहा था। बारिश के बाद फाफामऊ में गंगा का जलस्तर चार सेमी बढ़ा। नैनी में यमुना के जलस्तर में नौ सेमी वृद्धि हुई। छतनाग में गंगा का जलस्तर सर्वाधिक 12 सेमी बढ़ा है। गंगा-यमुना के जलस्तर वृद्धि 24 घंटे (शनिवार सुबह आठ बजे से रविवार सुबह आठ बजे तक) में हुई है। इससे पहले यमुना का जलस्तर घटने के कारण एक तिहाई शहर में पेयजल का संकट मंडराने लगा था। गंगा के प्रवाह क्षेत्र में हो रही बारिश से बैराजों से भी पानी का डिस्चार्ज बढ़ाया गया है।