जौनपुर मड़ियाहूं।
साहित्य जगत के अमर स्तंभ, उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की जयंती शुक्रवार को मां कमला देवी प्राकृतिक चिकित्सालय परिसर में श्रद्धा और साहित्यिक भावनाओं के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. विजय सिंह मौर्य ने प्रेमचंद को समाज का दर्पण बताते हुए कहा कि वे एक संवेदनशील लेखक थे, जिन्होंने आम जनमानस के दुःख-दर्द, संघर्ष और संवेदनाओं को अपने लेखन में जीवंतता से उतारा।
उन्होंने कहा कि प्रेमचंद का साहित्य सिर्फ पढ़ा नहीं, महसूस किया जाता है। उनकी रचनाओं में गरीबी, बेबसी, शोषण, सांप्रदायिकता, उपनिवेशवाद और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर गहरी चोट मिलती है। आम भाषा में लिखे गए उनके उपन्यास और कहानियाँ जन-जन तक पहुँचीं और आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
चिकित्सालय के प्रधान डॉ. विजय यादव ने कहा कि प्रेमचंद की विचारधारा आज की पीढ़ी के लिए एक अमूल्य धरोहर है। उनका साहित्य भारतीय समाज की आत्मा को छूता है और नई पीढ़ी को सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग करता है।
इस अवसर पर संजय जायसवाल, पुनवासी शर्मा, सुनील शर्मा, जय प्रकाश (अध्यापक), ताल्लुक राम यादव समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रेमचंद के साहित्य को जीवित रखना और नई पीढ़ी को उनकी विचारधारा से जोड़ना रहा।