जौनपुर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में जनपद कारागार में विशेष योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जेल अधिकारियों, कैदियों, और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। योग गुरु नित्यानंद पांडे और सेवा प्राधिकरण के प्रतिनिधियों ने योग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और इसका प्रदर्शन किया।
योग का ऐतिहासिक महत्व
कार्यक्रम में वक्ताओं ने योग के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डाला। महर्षि पतंजलि के योग शास्त्र से लेकर वेद, पुराण, रामायण और महाभारत तक, योग के प्रभाव को भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर बताया गया। वक्ताओं ने कहा, “योग केवल शरीर को निरोग रखने का माध्यम नहीं, बल्कि यह आत्मा, मन और शरीर के सामंजस्य का मार्ग है।”
योग के लाभ
योग को नियमित जीवन का हिस्सा बनाने पर बल दिया गया। प्रतिभागियों को बताया गया कि सूर्य नमस्कार और अनुलोम-विलोम जैसे सरल अभ्यास भी जीवन में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। योग न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि शरीर को अधिकतम क्षमता प्रदान करता है। कार्यक्रम में कहा गया, “दवाइयां बीमारियों का इलाज करती हैं, लेकिन उनके दुष्प्रभाव भी होते हैं। योग इन बीमारियों को जड़ से समाप्त करता है।”
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि प्रशांत कुमार सिंह (अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश), अनिल कुमार सिंह (डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल), डॉ. दिलीप कुमार सिंह (काउंसिल), और अनुराग चौधरी (असिस्टेंट डिफेंस काउंसिल) ने भाग लिया। जेल अधीक्षक डॉ. विनय कुमार पांडे, जेलर अजय कुमार सिंह, और डिप्टी जेलर धर्मेंद्र सिंह भदोरिया भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
एक घंटे का सत्र
योग गुरु ने विभिन्न प्रकार के योग आसनों का प्रदर्शन किया और उनके लाभों के बारे में जानकारी दी। बंदियों ने भी योगाभ्यास में सक्रियता से भाग लिया और इसे जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
योग का वैश्विक प्रभाव
कार्यक्रम में इस बात पर जोर दिया गया कि योग अब वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है। “आज, पूरी दुनिया तनाव और बीमारियों से बचने के लिए योग विज्ञान का सहारा ले रही है,” वक्ताओं ने कहा।
इस आयोजन ने जेल परिसर में स्वास्थ्य और शांति का वातावरण बनाने में एक अहम भूमिका निभाई। सभी प्रतिभागियों ने इसे नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करने का संकल्प लिया।