जौनपुर।
ऐतिहासिक शाही किला, जो जौनपुर के गौरव और पर्यटन का प्रमुख केंद्र है, उसके सामने की सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। सड़क पर बना बड़ा गड्ढा और धंसी हुई जमीन न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही उजागर कर रही है, बल्कि जौनपुर की छवि को भी धूमिल कर रही है।
एक युवक के “विकास खोजो अभियान” ने इस स्थिति को व्यंग्यात्मक रूप से सामने लाया। गड्ढे में उतरकर युवक ने इस खराब सड़क को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे पूरे शहर में चर्चा का माहौल गर्म हो गया। राहगीरों ने इसे हास्य का विषय तो बनाया, लेकिन भीतर ही भीतर व्यवस्था पर सवाल भी उठाए।
यही नहीं, पास ही स्थित अंबर होटल के सामने की सड़क भी धंस चुकी है। एक स्थानीय व्यक्ति ने इस धंसी हुई सड़क में पौधा रोपकर अधिकारियों को अनोखे अंदाज में संदेश दिया।
निवासियों का आक्रोश
स्थानीय निवासी अर्जुन सिंह ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा, “इतिहास और संस्कृति का प्रतीक यह शहर अब बदहाल सड़कों का पर्याय बन गया है। यहां की मुख्य सड़कें किसी ग्रामीण पगडंडी से भी बदतर हैं।”
शहर के अन्य निवासियों का कहना है कि नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी विभाग को बार-बार सूचित करने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं किया गया। बरसात से पहले सड़कों की मरम्मत की उम्मीद थी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
युवाओं की व्यंग्यात्मक प्रतिक्रिया
युवाओं ने इस बदहाली को व्यंग्य और सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर करना शुरू कर दिया है। शाही किले के सामने “विकास खोजो अभियान” और सड़क में पौधा लगाने जैसे प्रयास प्रशासन को आईना दिखाने की कोशिश हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
शाही किला जैसे ऐतिहासिक स्थल के सामने की यह स्थिति न सिर्फ स्थानीय नागरिकों बल्कि पर्यटकों को भी निराश करती है। नागरिकों की मांग है कि प्रशासन प्रमुख सड़कों की मरम्मत और पर्यटन स्थलों के आस-पास विशेष ध्यान देने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करे।
अब देखना यह है कि स्थानीय प्रशासन इस गड्ढे में छुपे “विकास” को कब तक खोज पाता है।