जौनपुर।
बेटी स्वावलंबन सुरक्षा समिति के संस्थापक एवं अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल के आह्वान पर 10 मई को भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम को समर्पित एक भव्य पदयात्रा का आयोजन किया गया। यह पदयात्रा जेसीज चौराहा से प्रारंभ होकर कलेक्ट्री जौनपुर तक पहुंचकर समाप्त हुई। इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और ऑपरेशन सिंदूर के साहसिक कार्यों को सम्मान देना था।
पदयात्रा में सैकड़ों लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। तिरंगे झंडे और बैंड-बाजों के साथ हिंदुस्तान जिंदाबाद और आतंकवाद मुर्दाबाद के नारों ने पूरे वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
भारतीय सेना के शौर्य की सराहना
इस अवसर पर समिति के संस्थापक/अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल ने भारतीय सेना के पराक्रम और उनकी वीरता की प्रशंसा की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय बताया। यह ऑपरेशन, जिसमें सेना ने पहलगाम में 9 आतंकवादी कैंप नष्ट किए और लगभग 250 आतंकवादियों को मार गिराया, न केवल सुरक्षा बलों की कुशलता का प्रमाण है, बल्कि देशवासियों के मनोबल को भी ऊंचा करता है।
कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। डॉ. अंजना सिंह ने कहा कि सेना के इस अद्वितीय पराक्रम ने देशवासियों के दिलों में गर्व और आत्मविश्वास बढ़ाया है। संतोष अग्रहरि ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर में शामिल सभी अधिकारियों और जवानों को नमन करते हुए उनके योगदान को देश के लिए अमूल्य बताया।
पदयात्रा का नेतृत्व और सहभागिता
पदयात्रा का नेतृत्व चंद्रावती निगम और स्वदेश कुमार ने किया। व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे आयोजन के दौरान भारतीय सेना जिंदाबाद और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे गूंजते रहे।
पदयात्रा में शामिल प्रमुख सदस्यों में त्रिभुवन शर्मा, अखिलेश सिंह, शाहिद अली, रोहित चौबे, मनोज सेठ, किरण रेनू, शोभा रंजना, तनवीर अहमद, उपेंद्र मौर्य, भरत भवाल चौहान, अमित चौहान, चेतना श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह, साधना सिंह, प्रमिला पांडेय, प्रियंका गौतम, सीमा गौतम, बिंदू पांडेय, बाला मोनिका गौतम, निशा, चंद्रकला, मंजू पांडे, सोनी सिंह चौहान सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
आभार व्यक्त किया गया
पदयात्रा के समापन पर आयोजित संगोष्ठी में कार्यक्रम संयोजक रखी सिंह ने उपस्थित सभी सदस्यों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल सेना के पराक्रम का सम्मान करते हैं, बल्कि देशवासियों के बीच एकता और देशभक्ति का संदेश भी फैलाते हैं।
इस ऐतिहासिक पदयात्रा ने जौनपुरवासियों के दिलों में भारतीय सेना के प्रति गर्व और श्रद्धा की भावना को और प्रबल कर दिया।