तामीर हसन शीबू
जौनपुर। सराय ख्वाजा थाना क्षेत्र के कुत्तुपुर चौराहे पर स्थित एमजे कार एसोसीरीज की दुकान पर प्रतिदिन खड़ी रहने वाली एक थार कार स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। यह कार पिछले चार वर्षों से बिना नंबर प्लेट के सड़कों पर बेधड़क दौड़ रही है, लेकिन अब तक न तो इस पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही कोई चालान कटा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह गाड़ी एमजे कार एसोसीरीज के अधिष्ठाता की है, जिन्हें शायद कानून का कोई डर नहीं है। ट्रैफिक पुलिस जहां आम जनता की छोटी-छोटी गड़बड़ियों पर चालान काटने में देर नहीं करती, वहीं इस नियमविहीन कार का खुलेआम फर्राटा भरना हैरानी पैदा करता है।
कानून की धज्जियां और प्रशासन की अनदेखी
एमजे कार एसोसीरीज की दुकान पर खड़ी इस थार कार ने न केवल ट्रैफिक नियमों की अनदेखी की है, बल्कि यह यातायात सुरक्षा के प्रति प्रशासन की उदासीनता को भी उजागर करती है। यह कार बिना नंबर प्लेट के सार्वजनिक सड़कों पर दौड़ रही है, जिससे न केवल कानून का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि आम जनता के लिए यह असुरक्षा का कारण भी बन रही है।
स्थानीय निवासियों की चिंता
स्थानीय निवासियों ने कई बार इस गाड़ी के बारे में शिकायतें की हैं, लेकिन हर बार उनकी शिकायतें अनसुनी रह गईं। उनका कहना है कि यह गाड़ी दिन-रात बगैर किसी रोक-टोक के घूमती रहती है। आम जनता के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन अनिवार्य है, लेकिन ऐसा लगता है कि इस गाड़ी के मालिक के लिए कानून का कोई मतलब नहीं है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल
ट्रैफिक पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजिमी है। जहां एक ओर आम जनता को सीट बेल्ट न लगाने, हेलमेट न पहनने या रेड लाइट क्रॉस करने जैसे मामूली उल्लंघनों पर चालान का सामना करना पड़ता है, वहीं इस थार कार को चार साल तक नियमों की अनदेखी करने का मौका दिया गया। यह मामला प्रशासनिक व्यवस्था में ढिलाई और पक्षपात का संकेत देता है।
आगे की कार्रवाई की मांग
यह मामला केवल एक गाड़ी का नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और कानून के पालन की अवधारणा पर सवाल खड़ा करता है। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जाए।
यातायात विभाग को चाहिए कि वह बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाए और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और आगे क्या ठोस कदम उठाता है।
निष्कर्ष
बिना नंबर प्लेट के दौड़ रही यह थार कार न केवल कानून व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करती है। अब यह यातायात विभाग की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।