जौनपुर जिले के मछलीशहर थाना क्षेत्र के तारापुर गांव में एक विचित्र और अजीबोगरीब घटना सामने आई है। यहां पर नाली निर्माण को लेकर एक परिवार और स्थानीय प्रशासन के बीच टकराव हो गया। जब जेसीबी द्वारा नाली निर्माण कार्य शुरू किया गया, तो उस परिवार ने विरोध स्वरूप जेसीबी के सामने लेटकर विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने क्षेत्र और जिले में हलचल मचा दी।
घटना का कारण:
तारापुर गांव के निवासी एक परिवार ने आरोप लगाया कि उनके घर के पास नाली का निर्माण बिना उनकी अनुमति और बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू किया गया। परिवार के सदस्य यह महसूस कर रहे थे कि इस नाली निर्माण से उनके घर के आसपास की जमीन और जीवनयापन प्रभावित होगा। उनका कहना था कि यह काम उनके घर के बगल में किया जा रहा था और इसके परिणामस्वरूप उनकी संपत्ति और दिनचर्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
जेसीबी के सामने लेट गए परिवार के सदस्य:
जब जेसीबी द्वारा नाली बनाने का काम शुरू हुआ, तो उस परिवार के सदस्य विरोध करने के लिए जेसीबी के सामने लेट गए। उनका मानना था कि अगर इस तरह से नाली बनाई जाती है, तो उनका घर और आसपास का इलाका नुकसान में आ जाएगा। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान परिवार के सदस्य लगातार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काम रुकवाने की मांग कर रहे थे।
वीडियो हुआ वायरल:
इस घटना का वीडियो बनाकर किसी स्थानीय व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिससे यह घटना तेजी से वायरल हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि पूरा परिवार जेसीबी के सामने लेटा हुआ है, और विरोध कर रहा है। इस वीडियो ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि जिले के अन्य हिस्सों में भी चर्चा का विषय बन गया।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। अधिकारियों का कहना है कि नाली निर्माण कार्य एक आवश्यक काम था, जो गांव में जलभराव की समस्या को हल करने के लिए किया जा रहा था। लेकिन, प्रशासन ने यह भी कहा कि अब परिवार के साथ बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
समाप्ति और समाधान की दिशा:
स्थानीय प्रशासन और परिवार के बीच वार्ता की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि विवाद का हल निकाला जा सके। प्रशासन ने परिवार को यह आश्वासन दिया है कि उनकी आपत्ति को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की अनावश्यक परेशानी नहीं दी जाएगी।
इस घटना ने यह दिखा दिया कि स्थानीय विकास कार्यों के दौरान लोगों की आपत्ति और चिंता का सम्मान करना कितना महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी तरह की सामाजिक अशांति से बचा जा सके।