मुद्दा: शिक्षा के दबाव में टूटते सपने, प्रतियोगी परीक्षा ने ली एक और बलि

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पूर्वांचल लाईफ/पंकज सीबी मिश्रा, पत्रकार
जौनपुर न्यूज : माता पिता के सपनो को पूरा करने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओ में जान झोंक देने वाले मासूम अब खुद को परीक्षा में असफल पाकर आत्महत्या कर रहें और इसमें कही न कही हमारा तंत्र दोषी है। गोरखपुर की छात्रा अदिति मिश्रा ने फांसी लगाई मामला था जेईई मेंस में फेल होने का पर क्या आप जानते है कि फेल – पास का मानक क्या था ..! काश यह हमारा न्यायतंत्र इस बात को समझ पाता और सभी वर्ग जाति और धर्म के छात्रों को एक समान व्यवस्था, कट ऑफ और सहूलियत दे पाता ! सच कहूं तो परीक्षा व्यवस्थाए निगल रही मासूमों की जिंदगियां। बतौर विश्लेषक और मीडिया कॉन्टेंट राइटर मैं तो यही कहूंगा कि शिक्षा के दबाव में मासूमों के सपने टूटते है। अदिति की मौत ने शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के बढ़ते दबाव को फिर उजागर कर दिया है। इस तरह की घटनाएं यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि छात्रों को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए। गोरखपुर में एक कोचिंग सेंटर में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही 22 वर्षीय छात्रा अदिति मिश्रा ने हाल में हॉस्टल के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अदिति की मौत ने यह सवाल भी उठाया कि हमारे समाज में मानसिक तनाव और परीक्षा के दबाव को लेकर कितनी जागरूकता की आवश्यकता है। अदिति की तरह ही कई युवा अपनी जिंदगी इसी तनाव में खत्म कर ले रहे और मां बाप हाथ मलते रह जा रहे। गोरखपुर के बेतियाहाता स्थित सत्यदीप गर्ल्स हॉस्टल में हुई यह घटना काफी कुछ कह रही। मृतका संत कबीर नगर जिले के मेहदावल की रहने वाली थी। जेईई एग्जाम में फेल होने के बाद छात्रा ने बुधवार सुबह अपने माता-पिता से बात भी की। उसने अपने पिता से मोबाइल रिचार्ज करने को कहा। बताया जा रहा है कि वह बहुत उदास थी। जब वह अपने घर पर बात कर रही थी तो उस समय उसकी रूममेट बाहर गई हुई थी। जब छात्रा की रूममेट वापस लौटी और उसने दरवाजा खटखटाया तो उसे अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। उसने कमरे के भीतर झांककर देखा तो वो पंखे पर लटकी हुई थी। लड़की ने तुरंत हॉस्टल वार्डन को इस घटना की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को कमरे की तलाशी के दौरान एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अदिति ने लिखा था, मम्मी-पापा, मुझे माफ कर देना, मैंने बहुत कोशिश की, लेकिन अब और नहीं सह सकती, आप हमेशा खुश रहना और यह मत सोचना कि आपकी वजह से मैंने ऐसा किया। मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं। सुसाइड नोट पढ़कर वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं। अदिति के मौत पर देश के बड़े बिजनेसमैन गौमत अडानी ने भी छात्रा के सुसाइड पर दुख जताया। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट कर लिखा, ‘अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर एक होनहार बेटी का यूं चले जाना हृदयविदारक है, जीवन किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है- यह बात अभिभावकों को खुद भी समझनी होगी और बच्चों को भी समझानी होगी। मैं पढ़ाई में बहुत सामान्य था। पढ़ाई एवं जीवन में कई बार असफल भी हुआ, लेकिन हर बार जिंदगी ने नया रास्ता दिखाया। मेरी आप सभी से बस इतनी सी विनती है- असफलता को कभी आखिरी मंजिल न समझें, क्योंकि जिंदगी हमेशा दूसरा मौका देती है ! ‘अदिति ने जो नोट लिखा वह दुखी कर देने वाला है उसने लिखा ‘सॉरी मम्मी पापा, माफ कर दो। मैं नहीं कर पाई’, जेईई मेन्स में असफल होने पर छात्रा के मौत को गले लगाने का मामला गोरखपुर से सामने आया है। फांसी के फंदे से लटकता छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे से मिला। सुसाइड करने से पहले लड़की ने सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने माता-पिता के लिए भावुक मैसेज लिखा है। गोरखपुर में 18 साल की अदिति मिश्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी है। वह जेईई के एग्जाम में 90% मार्क लाकर भी फेल हो गई थी, जिसकी वजह से उसने सुसाइड किया। अदिति मिश्रा इंजीनियर की स्टूडेंट थी। वह कैण्‍ट थानाक्षेत्र के बेतियाहाता के एक कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रही थी।

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