व्यंग्य : अचानक भीड़ , भयंकर ढाबा, खचाखच खाली

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पंकज सीबी मिश्रा/ पूर्वांचल लाईफ न्यूज

जौनपुर : कितने बेकार हो गई है सबकी लाईफ। लोग अब फेमस होने के लिए नए नए स्वांग रच रहे और अब तो सब्सक्राइबर पाने के लिए हथकंडे अपनाए जा रहे। फेसबुक पर लोग जन्मदिन और विवाह की वर्षगांठ मना रहे हैं और दूसरे लोग जिन्हें हमारी वास्तविक जान पहचान नहीं है उनसे शुभकामनाओं की भीख मांगते हैं। ये विषय रोज मेरे दिमाग में दौड़ता है कि कितने बदल गए हैं हम, क्या हमारे पास कोई काम नहीं है? लगता सच में यही है कि हमारे पास कोई काम नहीं है । आजकल रील और यूट्यूब का जमाना है।लोग रोज अपनी शादी,अपना जन्मदिन अपनी कहीं की यात्रा, अपने बच्चों की हरकतों की रील और न जाने क्या क्या बनाकर रील पोस्ट करते हैं और आजकल रोज नए यूट्यूब चैनल खोलकर लोग बैठे हैं।इंफ्लूएंसर बने बैठे हैं। लोगों से हाथ जोड़कर विनती करते फिरते हैं कि प्लीज मेरा चैनल सब्सक्राइब कीजिए। बड़े चाव से हजारों फालतू लोग उन चैनलों को खोलकर सुनते हैं।चैनल सब्सक्राइब करते। चैनल पर कोई हलवाई बना बैठा है तो कोई संजीव कपूर से बड़ा शैफ तो कोई बहुत बड़ा डाक्टर,तो कोई बहुत बड़ा इतिहासकार इसके बाद देखती हूं कि बड़े-बड़े तथाकथित धर्म योद्धा यूट्यूब पर लोगों को धर्म समझाते हैं। यूट्यूब पर लोग सोशल एंफ्लूएंसर बने बैठे हैं उन्हें लगता है कि इस संसार की भीड़ इनके विचारों से प्रभावित हो रही है।इन सबको लाइक करने की ऐसी भीड़ मैंने धर्म के लिए लड़ने के लिए सड़क पर उतरने वालों की नहीं दिखते है। अरे भाई जब यूट्यूब और रील का जमाना नहीं था तब क्या भारत और संसार सोया हुआ था,तब भी भारत में सब-कुछ अच्छा चलता था। अभी मोदी जी ने भी सोशल मीडिया के इंफ्लूएंसर्स को सम्मानित किया था।अब नये यूट्यूबर को लग रहा है कि उन्हें भी एक यूट्यूब चैनल खोलकर अपनी दुकान चलानी चाहिए.मोदीजी को ये सब नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे अब हर किसी को लगेगा कि वह एक चैनल खोले जिससे राजनैतिक मंच पर सम्मान मिले।ये सोच भी युवा पीढ़ी को निकम्मा बनाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी। सुनने में आया है कि रील और यूट्यूब से एक एक यूट्यूबर करोड़ों रूपए कमा रहा है।उसकी नकल करके लोग इस दौड़ में शामिल हो रहे हैं। उन्हें भी लग रहा है कि वे करोड़पति बनने वाले हैं। मान भी लिया जाये कि करोड़पति बन सकते होंगे लेकिन लाइक और कमेंट करने वाले फुरसतियों को क्या मिला रहा है सिवाय समय बर्बादी के। ये सब क्या है ? हम अपने असली उत्तरदायित्व से भटक कर लोगों की उद्देश्यहीन पोस्ट को पढ़ने और लाइक में समय नष्ट कर रहे हैं। समाज और धर्म के काम की पोस्ट है उसे खूब पढ़िए,लाइक और शेयर कीजिए अच्छी बात है लेकिन फालतू की पोस्ट पर अपना समय नष्ट न करने की सलाह मानिए।आज तो सब आपको अच्छा लग रहा है लेकिन जब समय का मूल्य समझ में आयेगा तब पछताओगे। किसी की रील लाइक करने या यूट्यूब वीडियो सब्सक्राइब और लाइक करने का आपको कितना पैसा मिलता है? एक भी पैसा नही मिलता है न तो फिर क्यों अपना बहुमूल्य समय खुद को कंगाल करके दूसरों को करोड़पति बनाने में लगे हो। मैं सच कहता हूं कि ये रील और यूट्यूब वीडियो हमारी आधी से अधिक युवा पीढ़ी को नष्ट करने का काम कर रहे हैं। ये बहुत बड़ी चिंता का विषय है। सरकार, परिवार और समाज दोनों को ही इसपर संज्ञान लेने की आवश्यकता है वरना देश की बड़ी युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा। सोचो! कि किसी की रील देखने , लाइक करने और किसी का यूट्यूब वीडियो सब्सक्राइब करने और लाइक करने से तुम्हें क्या हासिल हो रहा है? निकल जाओ इस मतलबी सोशल दुनिया से।

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