श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

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श्रीमद्भागवत कथा में महारास के प्रसंग पर झूमे भक्त

जौनपुर। खेतासराय पोरई में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठ दिवस मुख्य यजमान वरिष्ठ पत्रकार डॉ. कुँवर यशवंत सिंह ने पूजन कर कथा का शुभारम्भ कराया। पं. अखिलेश चन्द्र मिश्र ने महारास का पावन प्रसंग सुनाते हुए बताया कि महारास कोई स्त्री पुरूष का मिलन नही बल्कि जीव का परमात्मा के चरणों मे अनुराग ही महारास के नाम से परिभाषित है।

“विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार ” इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए चाणूर मुष्टिक शल तोषल सहित कंस इत्यादि बड़े बड़े राक्षसों का गोविंद ने उद्धार किया। उद्धव जी के ज्ञानभिमान को दूर करने के लिए गोविन्द ने उन्हें गोकुल भेजकर उनका ज्ञानभिमान दूर किया। उद्धव गोपी संवाद का प्रकरण सुनकर जनमानस के नेत्र पुलकित हो गए। कथा के विराम में भगवान श्रीकृष्ण और भगवती रुक्मिणी जी का विवाहोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर अजय प्रताप सिंह, पत्रकार भानु प्रताप सिंह, संजू सिंह, श्याम सुन्दर पाण्डेय, कमला प्रसाद सिंह, गणेश प्रसाद यादव, प्रमोद कुमार यादव, आनंद कुमार यादव, सौरभ कुमार सिंह, मंगलम सिंह, राजेश सिंह, मनोज कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, अरुण कुमार सिंह, प्रेम सुन्दर पाण्डेय, बेले बिंद सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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