मुख्य अतिथि प्रमुख डा. उमेश चंद्र तिवारी ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है, पीएम किसान सम्मान निधि योजना में हर किसान को आर्धिक मदद कर रही है। कृषि यंत्रों, बीजो व अन्य कृषि निवेशों पर अनुदान देकर सहयोग कर रही है। उन्होंने किसानों से वैज्ञानिक आधार पर लाभकारी खेती करने का सुझाव दिया तथा बताया कि रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण मिट्टी लगातार बीमार होती जा रही है। जिससे उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही उत्पाद का सेवन करने वालों के शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा था। मृदा की सेहत सुधारकर जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों की सहायता कर रही हैं।
उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने बताया कि पूर्ण रूप से प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग से की जाने वाली खेती को प्राकृतिक खेती कहते है। वीजामृत, जीवामृत, पंचगव्य के निर्माण एवं खेती में उसका प्रयोग कर कम लागत में गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने पराली प्रबंधन, गौआधारित प्राकृतिक खेती से अधिक लाभ के लिए शून्य बजट की खेती, एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन द्वारा फसलों की सुरक्षा की जानकारी दिया। एसएमएस डा. तेजबल सिंह ने मृदा प्रबंधन, जल प्रबंधन तथा मृदा की जांच कर संतुलित खेती करने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीओ आइएसबी ब्रम्हा नन्द यादव तथा संचालन एडीओ एजी. मिथिलेश सिंह ने किया। इस मौके पर बीर बिक्रम सिंह, श्रीप्रकाश उपाध्याय, राजेश कुमार शुक्ल, राम जनक पांडेय, देवी प्रसाद, शिव पूजन मौर्य, ओम प्रकाश आदि किसान मौजूद रहे।