हवा-हवाई साबित हो रहा आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान

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सड़कों पर बेलगाम हुए आवारा पशु, राह चलते लोगों को कर रहे घायल

मुख्यमंत्री के आदेश को सम्बन्धित विभाग के जिम्मेदार दिखा रहे ठेंगा

जौनपुर/खेतासराय

प्रदेश सरकार के आदेश पर भले ही छुट्टा पशुओं से राहत दिलाने के लिए जिले में जगह-जगह गौशालाओं का निर्माण कराया गया है लेकिन इसकी हकीकत कुछ और है। इस समय हालात यह हैं कि गौशालाओं से ज्यादा छुट्टा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। इनसे न सिर्फ फसलें ही बर्बाद हो रहीं हैं बल्कि यह लोगों की जान भी ले रहे हैं। इसके बावजूद पशुपालन विभाग और नगर पंचायत इनको गंभीरता से नहीं ले रहा है।

कस्बे में नगर पंचायत और पशुपालन विभाग द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने का अभियान हवा-हवाई साबित हो रहा है। मेन रोड ही नहीं बल्कि हर गली-मोहल्ले में आवारा पशुओं का आतंक है। इसके बावजूद सम्बन्धित विभाग के जिम्मेदार आंखों पर पट्टी बांध रखें है। ऐसे में कभी भी किसी के साथ हादसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों को जवाब देना भारी पड़ेगा। नगर में आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए सिरदर्द और जान को खतरा बन रही है। सबसे ज्यादा आवारा सांड़ व बछड़े हैं। इसके बाद गायों का नंबर आता है। कस्बे व आस-पास के कुछ लोगों ने गाय पाल रखी है। अधिकांश लोग दूध निकालने के बाद गायों को डंडा मारकर सड़क पर इधर-उधर चारे के लिए मुंह मारने को छोड़ देते हैं।

सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर मंडराते आवारा पशु लोगों की जान के लिए खतरा बन गए हैं। बाजार में सांड़ों का आतंक इस कदर है कि लोग सब्जी खरीदने के लिए आने के दौरान हिंसक सांड़ों के डर से सहमे रहते हैं। इसी प्रकार गली-मोहल्लों में भी आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता है। आवारा पशु झुंड में रहते हैं जो किसी पर हमला करें तो बचना मुश्किल है। लोगों का कहना है कि नगर में बढ़ते आवारा पशु लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा हैं। आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला या जंगल में छोड़ने की ड्यूटी नगर पंचायत और पशुपालन विभाग की है लेकिन लापरवाही से कस्बे में आवारा जानवर दिन पर दिन बढ़ रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने को लेकर अभियान चलाए जाने का दावा तो किया गया। लेकिन महज कोरम पूर्ति तक ही सीमित रहा।

आवारा पशुओं के कारण तबाह हो रही फसल, किसानों को नहीं सूझ रहा कोई उपाय

जौनपुर। खेतासराय क्षेत्र में आवारा पशुओं के आतंक से ग्रामीणों में रोष बढ़ता जा रहा है। विशेषकर किसान वर्ग को इन पशुओं के कारण भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिसके चलते किसानों का धैर्य जवाब दे रहा है। किसानों के अनुसार आवारा पशु उनकी खेती को बर्बाद कर रहे हैं। खेतों में दिनरात पहरा देने के बावजूद भी इन पशुओं के आतंक से छुटकारा नहीं मिल रहा।

इस मामले को लेकर प्रदीप गिरी
ईओ प्रभारी खेतासराय ने बताया हैं कि बड़ा गौशाला का प्रस्ताव जिला अधिकारी की तरफ से शासन को भेजा गया है, जो पाकङपुर में 500 क्षमता की गौशाला बनेगी। टेंपरेरी तौर पर लावारिस पशुओं को पकड़वाकर आसपास के गौशालाओं में भेजा जा रहा है, जो गौशाला का प्रस्ताव गया है वह बन जाएगा तो यह समस्या दूर हो जाएगी। हालांकि नगर क्षेत्र में किसी प्रकार की दुर्घटना की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन सतर्कता बरती जाएगी।

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