ई-रिक्शा, ऑटो, मैजिक, वैन आदि वाहनों पर अभिभावकों द्वारा बच्चों को स्कूल भेजने पर भी होगी कार्यवाई
सोमवार से प्रदेश भर में एक पखवाड़े तक चलेगा अभियान
जौनपुर! खेतासराय/शाहगंज
जिस तरीके से नगर और आसपास के क्षेत्रों में मानक को दरकिनार कर स्कूलों का संचालन और अनफिट स्कूली वाहनों से नौनिहालों के जान को खतरे में डाल कर स्कूल संचालक अभिभावकों से ट्रांसपोर्ट के नाम पर मोटी रकम वसूल करते है! अब ऐसा करना ऐसे स्कूल और स्कूली वाहन संचालकों के भारी पड़ सकता है। इस समय नज़र उठाकर देखा जाय तो नगर के दर्जनों स्कूल के वाहन ऐसे मिल जाएंगे जिनमे न तो फिटनेस मिलेगा, न प्रदूषण प्रमाण पत्र मिलेगा। यहां तक की बहुत से स्कूली वाहनों पर स्कूल का नाम और न ही इमरजेंसी नम्बर लिखा होता है। कभी कभी तो ऐसा भी देखने को मिल जाता है की स्कूली वाहन बच्चों से भरे होते है और चालक नाबालिग होता है ऐसे में सवाल उठता है की क्या परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग सब जानते हुए अनदेखी कर रहा है या फिर टेबल के नीचे से लिफाफा पहुंच जाता है। जिससे ऐसे स्कूली वाहनों के संचालकों और स्कूल संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाई नही। जब कोई दुर्घटना होती है तब परिवहन विभाग और शिक्षा विभाग अपनी कुम्भकर्णी निंद्रा से जागते हैं। मगर अब ऐसा नही होगा प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के अनुसार सोमवार से पूरे प्रदेश भर में सभी स्कूली वाहनों में बच्चों को ले आने व ले जाने वाले सभी वाहनों के फिटनेस, प्रदूषण, बीमा, परमिट की वैधता आदि की जांच होगी। परिवहन मंत्री ने बताया की सभी जिलों को निर्देश दे दिया गया है की परिवहन विभाग सभी वाहनों की जिले वार फिट और अनफिट वाहनों की सूची तैयार करें।
परिवहन मंत्री ने बताया की सूचना मिली अभिभावक अपनी सहमति से ऑटो, ई रिक्शा, मैजिक आदि वाहनों से बच्चों को स्कूल भेजते हैं। जो मोटरयान नियमावली का उलंघन है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रवर्तन दल अभियान चलाकर कठोर कार्यवाई करे। फिलहाल स्कूली वाहनों के चेकिंग अभियान की खबर से स्कूल संचालकों में हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं इस सम्बन्ध में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी अमरदीप जायसवाल से जानना चाहा तो उन्होंने साफ साफ कह दिया की इस सम्बंध में हमे कोई जानकारी नही है।