नगर पालिका कर्मचारियों की गिरफ्तारी के बाद फरार चल रहें अधिशासी अधिकारी

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पत्रकार अनवर हुसैन

जौनपुर। नगर पालिका परिषद के दो कर्मचारियों की एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने जो गिरफ़्तारी किया वह अब सुर्खियों में आ गई है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन कुमार अपना मोबाइल स्विच ऑफ करके फरार चल रहे हैं। इसमें अब जो बातें प्रकाश में आ रही है वह बातें यह है कि खड़ंजा नाली के भुगतान का बिल पास करने के लिए अधिशासी अधिकारी ने सीधे रुपया ठेकेदार रामानंद उर्फ रमेश गुप्ता से मांगा था। एंटी करप्शन की टीम को लेकर रामानंद गुप्ता सीधे अधिशासी अधिकारी के कमरे में गए। वहां अधिशासी अधिकारी ने अपने लिपिक टीएन सिंह के पास यह कह कर भेज दिया कि यह पैसा उन्हें दे दो और जब वह बिल लेकर आएंगे तो हम तुम्हारा बिल पास कर देंगे। टीम के साथ ठेकेदार लिपिक के कमरे में गया और नोटों का बंडल उसे पकड़ा दिया। लिपिक ने नोटो का बंडल अपने हाथों में लेकर ऑफिस के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शनि वाल्मीकि को दे दिया। जैसे ही रुपए का आदान-प्रदान हुआ ठेकेदार के साथ में रही एंटी करप्शन टीम ने वहीं दोनों को दबोच लिया। एंटी करप्शन टीम द्वारा जैसे ही इन दोनों कर्मियों को पकड़ा गया तुरंत मौका पाकर अधिशासी अधिकारी वहां से फरार हो गए। नगर पालिका में यह पहला भ्रष्टाचार का मामला कोई नई बात नहीं है। यहां जनता से भी हर काम में सुविधा शुल्क मांगा जाता है। कभी बड़े हुए टैक्स को कम करने के नाम पर भी सुविधा शुल्क मांगा जाता है तो कहीं किसी और मामले में सीधे सुविधा शुल्क खुलेआम वसूला जाता है। इधर 3 माह के अंदर एंटी करप्शन की टीम ने इस विभाग में तीसरी बार की छापेमारी अब चर्चा का विषय बन चुकी है। इस संबंध में जानकारी के लिए कई बार अधिशासी अधिकारी के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया लेकिन उनका मोबाइल बंद बता रहा है।

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