अपने क्षेत्र के जरूरतमंद बच्चों के लिए चाहे वह बेटा हो जा बेटियों की उच्च शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए शिक्षा सामग्री व सहायता देने का हमेशा लक्ष्य रहेगा

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मेरे पिता श्री स्वर्गीय जसाराम जी चौधरी ने मुझे प्रेरणा देकर मातृभूमि के लिए और मानवता की सेवा के लिए हमेशा आशीर्वाद के साथ प्रेरणा दी-हिम्मत चौधरी

              कर्मपालसिंह सवाली 

देसूरी,राजस्थान। देसूरी के लंबे समय से मानवता की सेवा में और धर्म कार्यो में समाज हित के लिए संघर्षशील होकर बेटियों को भी उच्च शिक्षा से प्रेरणा देने के लिए समाज के उत्थान के लिए हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाते रहे यह देसूरी के एक किसान परिवार से जन्मे जसराम (सोलंकी) चौधरी समाज से संबंध रखते हैं, बचपन से ही शिक्षा ग्रहण करने के बाद कम उम्र में ही देसूरी से मुंबई महाराष्ट्र में जाकर अपना बिजनेस उद्योग कार्यों में पूरी लगन से निष्ठावान होकर अपने सफ़र के लिए संघर्ष के रास्ते पर चलते हुए हमेशा अपने गांव को कभी नहीं भूले हमेशा महीने 2 महीने में कभी 15 दिन में भी गांव में भी पहुंच कर अपने माता-पिता और क्षेत्र के अनेक समाज बंधुओ से शिक्षा विकास के लिए प्रयास चर्चा करता रहे जहां भी वह बैठते थे, उनके वार्ड पंच सुरेश मेवाड़ा ने बताया उनका मानवता के प्रति दोस्त मित्रों के प्रति बहुत ही सुंदर स्वभाव हमेशा ही मानवता समाज के लिए राजनीति से भी ऊपर उठकर हमेशा भेदभाव मिटा कर कार्य करने में और हमेशा दुख-सुख में मदद करने में बहुत योगदान देते रहे आज भी आदिवासी क्षेत्र के बच्चे उनको याद करते हैं। रिटायर्ड पंचायत अफसर प्रेमराज मारू ने कहां बहुत इंसाफ पसंद आदमी थे, जसाराम चौधरी बहुत कम बोलते थे, वह कम करने में हमेशा ही न्याय पर यह बात और राजनीति जातिवाद से ऊपर उठकर उनका हमेशा मानवता की सेवा के लिए
किसानो और समाज बंधुओ के साथ हमेशा कंधे-से-कंधा मिलाकर साथ कर्तव्य निभाने के लिए आगे रहते थे।
शहीद भगत सिंह के मिशन को लेकर पंजाब से आए हुए कर्मपालसिंह के अनेक कार्यक्रमों में हमेशा ही जसराम
चौधरी जी ने मदद करके बच्चों के लिए सरदार ने अपना टाइम निकाल कर दूसरों के बच्चों को प्रेरणा दे रहे हैं, जो आगे चलकर बच्चे राष्ट्र का निर्माण करेंगे ऐसी सोच रखने वाले इंसानों के साथ हमें भी जुड़ना चाहिए। एडवोकेट प्रदीप कुमार मीणा ने कहा माननीय जसाराम जी एक सच्चे क्रांतिकारी इंसान थे, जिन्होंने हमेशा ही दूसरों के भले के लिए और मानवता को जागरूक को करने का भी प्रयास अच्छा रहा है। पत्रकार छगन प्रजापति सादड़ी ने कहा बस स्टैंड पर अनेक कार्यक्रमों में भी जसराम चौधरी जी ने सहयोग देकर कार्यक्रमों में भी पहुंचकर बच्चों को आशीर्वाद सहयोग उपलब्ध कराने में भी विशेष भूमिका होती रही। इनकी मानवता के प्रति और समाज बंधुओ के प्रति इनकी किए हुए कार्यों को लेकर अनेक ग्रामीण आज भी उनको याद करके आंसुओं से सच्ची श्रद्धांजलि भेंट करते हैं। उनके सुपुत्र हिम्मत चौधरी जो बहुत ही मानवता के प्रति हमेशा ही कदम-दर-कदम बढ़ाकर इंसानियत की सेवा में समाज बंधुओ में धर्मकारियों में और अपने मातृभूमि के जर्रे-जर्रे में कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को मेरे पिता श्री स्वर्गीय जसराम जी ने मुझे मानवता की सेवा बड़े लोगों का सत्कार साधु संतों से आशीर्वाद प्राप्त करना जैसे महान संस्कार देकर इस सफर में बड़ी प्रेरणा दी ,मेरे माता श्री जो आज भी मेरे साथ पूरे आशीर्वाद के साथ रहते हैं और मैं ज्यादातर अपने पिताजी के जहां पर पग चिह्नों और मेरी धरातल देसूरी में पड़े हुए हैं, उनको मैं अपने दिलों में संजोकर पिता श्री के महान संस्कार आशीर्वाद की बड़ी पहल समझकर अपने गांव का गौरव बढ़ाता रहूंगा । उन्होंने श्री राम जी और आई माता जी का आशीर्वाद हमेशा उनके परिवार में समर्पित भाव से है उनका लक्ष्य लेकर अपने क्षेत्र के जरूरतमंदों कमजोर बेटा बेटियों को उच्च शिक्षा सामग्री और सहायता प्रयास एक लक्ष्य के तरह रहेगा जब तक जान में जान है तब तक राष्ट्र के लिए  युवा साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा ही भागीदारी निभाने के लिए हमेशा आगे रहेंगे।

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पंडित अशोक कुमार दवे ने कहा कई वर्षों से ही हर धर्म कार्य के लिए कहीं भी कार्य होता तो स्वर्गीय श्री जसराज जी मुझे पाठ पूजा विधि विधान के लिए याद किया जाता है और आज भी मैं उनके परिवार के साथ हूं बहुत मनना बात की सेवा में इनका धर्म कार्य में बहुत अच्छी भूमिका होती रही है इसके लिए उनके सुपुत्र हिम्मत चौधरी भी बहुत अच्छे ख्याल से इंसान हैं जो हमेशा मानवता की सेवा में सबसे आगे योगदान के लिए गांव देसूरी के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उनका कदम ज्यादा सेवा में समर्पित भाव से हमेशा अग्रणी रहे हैं। 

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