पूर्वांचल लाइफ/अमित तिवारी
चौबीस घंटे में एक बार ही डॉक्टर वार्ड में करते हैं राउंड
जिला अस्पताल में भर्ती सभी मरीज, नर्स या भगवान भरोसे
जौनपुर। ठंड के मौसम में दूर-दराज से जिला अस्पताल आने वाले मरीजों को ओपीडी में समय पर चिकित्सक न मिलने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि मरीजों को अपनी जांच पर्ची और रसीदें जमीन पर रखकर घंटों डॉक्टर का इंतजार करना पड़ता है।
सुबह-सुबह ठंड में मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन चिकित्सकों की देरी से उपस्थिति उन्हें और अधिक तकलीफ पहुंचाती है। बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चों वाले मरीज लंबे इंतजार के कारण ज्यादा परेशान हो रहे हैं।
शाहगंज एवं दूर दराज से आए मरीजों का कहना है कि अस्पताल में सुबह ओपीडी खुलने का समय सुबह का होता है लेकिन अधिकांश डॉक्टर 10 बजे तक नहीं पहुंचते। मरीज सुबह से ही पर्ची कटवाकर लाइन में खड़े रहते हैं। उन्हें घंटों तक जमीन पर अपनी पर्चियां रखकर लाइन में इंतजार करना पड़ता है। ठंड के कारण यह इंतजार और भी कष्टकारी हो जाता है।
जिला अस्पताल के ओपीडी नंबर 11, 16, 17 और 18 पर कभी भी समय से चिकित्सक नहीं मिलते ऐसा सूत्रों द्वारा बताया गया है। फर्स्ट फ्लोर पर ओपीडी की यही हालत है जहां एक दो चिकित्सक को छोड़ दिया जाए तो कोई भी चिकित्सक समय पर अस्पताल नहीं पहुंचते। मरीजों में चंद्रमा राय, रूपक, विकास और देवेश का कहना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि, चिकित्सक समय पर ओपीडी में उपलब्ध हों। समय पर चिकित्सा सेवा न मिलने से उनकी परेशानी बढ़ती है, जो ठंड जैसे मौसम में स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। सरकार और अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि इस समस्या को गंभीरता से लें और अस्पताल की व्यवस्था में सुधार करें ताकि मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ के० के० राय को उक्त समस्या से अवगत कराया गया। जहां अस्पताल प्रशासन भी इस समस्या से वाकिफ होने के बावजूद ठोस कदम उठाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। जब इस विषय पर अस्पताल प्रबंधन से बात की गई तो उन्होंने चिकित्सकों के देरी से पहुंचने के लिए “अन्य कार्यों” का हवाला दे दिया जबकि ये कहानी हर रोज की है। यही नहीं जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को वार्ड में देखने के लिए डॉक्टर सुबह तो राउंड पर आते हैं किन्तु शाम को वह सभी भर्ती स्टाप नर्सों के या फिर भगवान भरोसे।