“पूर्वांचल लाइफ जौनपुर”
गरीबों का हक मारने वाले, “राशन कोटेदार”, पोषाहार वितरण में आंगनबाड़ी द्वारा गरीबों के मासूम बच्चों के पोषाहार में गड़बड़ झाल,
सरकार द्वारा गरीब जनता को निशुल्क वितरण होने वाले राशन की कटौती, पोषाहार में कटौती, लगता है यही कारण भाजपा को लगा झटका°°°°
केन्द्र और प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों के लिए एक से एक योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसकी मुहिम युद्ध स्तर पर चल रही हैं लेकिन उसी मुहिम को पलीता चलाते विभाग से सम्बन्धित एक विशेष अंग कोटेदार और आँगनबाड़ी जिसे बड़ी जिम्मेदारी के साथ गरीबों को उनका हक निशुल्क वितरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। क्या कभी सरकार या सरकार के आलाधिकायों द्वारा इस बात की गहनता से निगरानी या जाँच की गयी कि उन्हें उनका पूरा हक मिल रहा हैं पूरा गल्ला वितरण हो रहा है। नहीं ऐसा नहीं हो रहा है प्रत्येक गरीब का एक किलो या दो किलो गल्ला काट कर राशन वितरण किया जाता है। यही नहीं कभी गेहूँ नहीं मिलता हैं तो कभी चावल नहीं मिलता हैं यह कह कर उन्हें लौटा दिया जाता है कि इस बार नहीं आया है अगली बार आएगा। यह रही कोटेदार की करतूत।
अब बात किया जाए तो कुपोषित बच्चों के सरकार द्वारा एक से योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसके लिए आँगनबाड़ी को नियुक्त किया गया है कि वह घर घर जाकर चिन्हित करें कि कोई भी बच्चा कुपोषण का शिकार ना रहे और उनके स्वास्थ्य के लिए अनेको स्वास्थ्य वर्धक सामाग्री सरकार द्वारा निशुल्क वितरण करवाया जाता हैं। लेकिन क्या उन तक यह सामाग्री पूरी मात्रा में पहुंच रही हैं। सरकार द्वारा अपने देश जनता के लिए एक से एक योजनाएं चलाई गई लेकिन क्या उन योजनाओं को गति दी गई? ऐसा लगता है कि नहीं दी गई अगर दी गई होती तो आज भाजपा को जौनपुर की दोनों सीटो का नुकसान ना उठाना पड़ता कहीं ना कहीं यह एक बड़ा कारण हो सकता है। क्योंकि निशुल्क राशन प्राप्त करने वाले गरीब ना तो लड़ सकते हैं और ना ही कुछ कर सकते हैं पर जो उनके अधिकार में है वह मौन रह कर किसी के लिए भी हित और अहित दोनों करने की छमता रखते हैं। इस गंभीर विषय में सरकार और जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को अवश्य चिंतन करने की आवश्यकता है।