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वरिष्ठ चिकित्सकों ने साझा किए अनुभव
जौनपुर।
विश्व फिजियोथेरेपी दिवस 2025 के अवसर पर फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन और जौनपुर फिजियोकॉन के संयुक्त तत्वावधान में “हेल्दी एजिंग” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में चिकित्सा क्षेत्र के कई विशेषज्ञों ने भाग लेकर फिजियोथेरेपी की उपयोगिता और बदलते समय में इसकी अहमियत पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. रॉबिन सिंह (एमएस ऑर्थो, कृष्णा ट्रॉमा एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सेंटर) ने कहा कि आज की जीवनशैली में फिजियोथेरेपी केवल उपचार का जरिया नहीं, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय वृद्धावस्था (Active & Healthy Ageing) की कुंजी बन गई है।
विशेष सत्रों में
- डॉ. सुष्मिता ने पेल्विक हेल्थ पर उपयोगी जानकारी दी,
- डॉ. दीक्षा श्रीवास्तव ने डायग्नोस्टिक रीजनिंग एवं मस्कुलोस्केलेटल पेन की पहचान पर प्रकाश डाला,
- जबकि डॉ. महिपाल सिंह ने फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट और मायोथेरेपी की महत्ता बताई।
इस कार्यशाला का संयोजन डॉ. प्रदीप मौर्य, डॉ. प्रदीप गुप्ता और डॉ. प्रीति यादव ने किया, वहीं संस्कृति यादव और डॉ. दीपक सिंह ने कार्यक्रम का सफल समन्वय किया।
इस अवसर पर युवाओं व नए फिजियोथेरेपिस्ट्स को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने के साथ ही मरीजों को नि:शुल्क परामर्श एवं उपचार भी उपलब्ध कराया गया। समापन सत्र में प्रतिभागियों व बच्चों को प्रमाणपत्र वितरित कर सम्मानित किया गया।
फर्स्ट वन रिहैब फाउंडेशन का उद्देश्य विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाना है, और यह कार्यशाला उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।