संक्रामक रोगों का मंडराता खतरा
गाजीपुर भाँवरकोल। हालिया भयंकर बाढ़ ने भाँवरकोल ब्लॉक अंतर्गत शेरपुर कलां सहित आसपास के गांवों में तबाही मचा दी है। बाढ़ के पानी से शेरपुर कलां में गंगा स्नान घाट एवं श्मशान घाट को जोड़ने वाला प्रमुख संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इससे स्थानीय निवासियों के सामने आवाजाही की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
प्रतिदिन गंगा स्नान करने जाने वाले बुजुर्गों और महिलाओं को अब जान जोखिम में डालकर टूटी-फूटी पगडंडियों से गुजरना पड़ रहा है। यही रास्ता श्मशान घाट तक जाने का भी एकमात्र मार्ग है, जिसके कारण शवदाह के समय भी लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से क्षतिग्रस्त सड़क की तत्काल मरम्मत की मांग की है, ताकि आवागमन सुगम हो सके और किसी भी दुर्घटना की आशंका कम हो।
बाढ़ के बाद स्वास्थ्य संकट गहराया:
बाढ़ का पानी उतरने के बाद शेरपुर न्याय पंचायत के सभी गांव-शेरपुर कलां, शेरपुर खुर्द, सेमरा, पचासी, माघी, मुबारकपुर, धर्मपुरा, छनबईया सत्तर आदि—में जगह-जगह बड़े गड्ढों और जलभराव की स्थिति बनी हुई है। इससे मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो गया है और संक्रामक रोगों का खतरा तेजी से बढ़ गया है।
मुख्य स्वास्थ्य जोखिम:
जलजनित बीमारियां: दूषित पानी से हैजा, डायरिया और टाइफाइड का खतरा।
मच्छर जनित बीमारियां: जलभराव में पनपते मच्छरों से डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस का बढ़ता खतरा।
त्वचा रोग: गंदे पानी में मौजूद बैक्टीरिया और फंगस से त्वचा संबंधी संक्रमण।
ग्रामीणों की अपील
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि प्रशासन शीघ्र ही लार्वा नाशक, बैक्टीरिया नाशक और रोग-प्रतिरोधी दवाओं का छिड़काव कराए, ताकि संभावित महामारी को रोका जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि हर दिन देरी होने पर खतरा बढ़ता जा रहा है।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक इन समस्याओं पर ठोस कदम उठाता है और ग्रामीणों को राहत दिलाता है।