आजमगढ़, बिंद्राबाजार – एन्टी करप्शन विभाग ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आज ₹5000 की रिश्वत लेते हुए लेखपाल अमर सिंह को रंगे हाथ पकड़ लिया। लेखपाल अमर सिंह, जो कि लौदह इमादपुर के निवासी हैं और उमरी गणेशपुर, तहसील मेहनगर में कार्यरत थे, को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया।
एन्टी करप्शन विभाग को लेखपाल के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। आरोप था कि अमर सिंह क्षेत्र में जमीन विवाद और अन्य मामलों में बिना रिश्वत लिए काम नहीं करते थे। इस संबंध में विभाग ने एक जाल बिछाकर उन्हें रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई।
जालसाजी और रिश्वत का खेल
शिकायतकर्ता ने बताया कि लेखपाल अमर सिंह ने भूमि रिकॉर्ड संबंधित कार्य के लिए ₹5000 की रिश्वत मांगी थी। एन्टी करप्शन विभाग को जानकारी मिलने के बाद, टीम ने शिकायतकर्ता की मदद से लेखपाल को रंगे हाथ पकड़ने का निर्णय लिया। योजनाबद्ध तरीके से ₹5000 की रिश्वत लेते हुए लेखपाल को उनके आवास पर पकड़ा गया।
गिरफ्तारी के बाद कार्रवाई
लेखपाल अमर सिंह को गिरफ्तार कर गंभीरपुर थाने ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं।
एन्टी करप्शन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करना और जनता के अधिकारों की रक्षा करना है।
जनता में नाराजगी
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों में भारी नाराजगी देखने को मिली। लोगों का कहना है कि लेखपाल अमर सिंह लंबे समय से अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे। इस कार्रवाई से क्षेत्रीय लोगों को राहत मिली है।
विभाग की अपील
एन्टी करप्शन विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि किसी सरकारी अधिकारी द्वारा रिश्वत मांगी जाती है, तो वे तुरंत विभाग को सूचित करें। विभाग का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी।
यह घटना प्रशासनिक सुधारों और पारदर्शिता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। अब देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है और न्याय प्रक्रिया कितनी तेज़ी से आगे बढ़ती है।