सुहाग की रक्षा के लिए रखे जाएँगे निर्जला व्रत
संवाददाता आनन्द कुमार
मेहनाजपुर आजमगढ़।
सावन-भादो के पावन त्योहारों की श्रृंखला में मंगलवार को हरतालिका तीज का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर सुहागिन महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करते हुए 24 घंटे का निराहार व निर्जला व्रत रखेंगी।
तीज को लेकर सिधौना बाजार में खास रौनक देखने को मिली। सुबह से ही महिलाएँ साज-श्रृंगार का सामान, कपड़े, गहने और सौंदर्य प्रसाधन खरीदने में व्यस्त रहीं। मेहंदी की दुकानों पर भी महिलाओं की लंबी कतारें लगी रहीं। पूजन सामग्री की दुकानों पर भी भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरा बाजार तीज के रंग में सराबोर दिखा।
विद्वानों के अनुसार, भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह पर्व अत्यंत पौराणिक और शुभ है। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसी वजह से यह व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ-साथ अविवाहित कन्याएँ भी उत्तम वर की प्राप्ति की कामना से करती हैं।
व्रत की परंपरा के तहत महिलाएँ शाम को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं और मिट्टी या सुवर्ण से बनी शिव-पार्वती प्रतिमा का विधिवत पूजन करती हैं। सुहागिनें पूजा की थाली में बिंदी, चूड़ी, सिंदूर, बिछिया सहित सुहाग की पिटारी सजाकर माता पार्वती को अर्पित करती हैं। शिवजी को धोती व अंगोछा अर्पित करने के बाद यह सामग्री ब्राह्मण दंपति को दी जाती है।
पूजन उपरांत महिलाएँ पारंपरिक रूप से हरतालिका तीज व्रत कथा सुनती हैं और रात्रि जागरण कर अगले दिन व्रत का समापन करती हैं।
सिधौना ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र में हरतालिका तीज को लेकर उत्साह का माहौल है। महिलाओं की सज-धज और बाजार की चहल-पहल इस पावन पर्व की भव्यता को और निखार रही है।